वैसे तो हर मोड़ पर तुझसे ..
हमने कई सवाल किए थे,
पर तू था ही नहीं इतना सच्चा,
जो हमारे सवेरे की खामोशी को भी सुन पाता।
अब भी कोई मेरे सवेरे से पूछे
"क्या कोई है तेरे पास?"
तो मेरी खामोशी जवाब दे देती है।
टूटे सनम की बाहों में सोया होगा तू,
पर हम तो पहले ही टूट कर जाग चुके थे।
गुरूर तेरा हमेशा हम पर ही चला,
कभी अपने आईने में झांक कर भी देखता।
ठहर जा एक पल,
और सोच जिसे तूने सताया,
उसने हर दर्द चुपचाप सीने में उठाया होगा।
_Mohiniwrites