इच्छा शक्ति एक ऐसी शक्ति जो सिर्फ स्वयं में झांकने पर ही प्राप्त हो सकती है। यह शक्ति आपके मन, कर्म और वचन सबको नियंत्रण में रख सकती है।
जब जीव का अपने बाह्य रूप पर नियंत्रण नहीं रहता तब उसे आंतरिक रूप को नियंत्रित करना चाहिए। क्योंकि आंतरिक नियंत्रण उसके बाह्य रूप स्वयं ही नियंत्रित कर लेगा। जैसे
एक व्यक्ति था जो बाहरी शारीरिक रूप से कमजोर था फिर एक दिन उसे इच्छा शक्ति के बारे में पता चला। उसने इस पर काम करना शुरू किया। जब जब उसे अपने भीतर से आवाज आती की तुम कमजोर हो वह उसे मानने से इंकार कर देता। वह निरंतर योग और ध्यान में रहकर अपनी इच्छा शक्ति को मजबूत करने लगा। वह कमजोर युवक एक बलशाली युवक में ऐसे बदल गया कि वह बाघ को भी मात दे सकता था। उसने लोगों को यही बताया कि उसने अपनी इच्छा शक्ति को नियंत्रित किया।
जब जब मन यह कहता है कि नहीं आज थोड़ा मोबाइल चला लेते हैं कल पढ़ लेंगे, पक्का कल से करेंगे यह कार्य लेकिन वह कल कभी नहीं आ पाता और वह अपने जीवन की हर परीक्षा में असफल हो जाते हैं। इसके लिए भी भाग्य को दोष देते हैं लेकिन असल में ऐसा कुछ नहीं था। यह उसकी अपनी लापरवाही थी। उसे अपने मन को नियंत्रित करना चाहिए था। कल की परवाह किए बिना आज ही शुरू करना चाहिए था। कल कभी नहीं आता।
इच्छा शक्ति वह शक्ति है जो आपकी इच्छाओं को नियंत्रित करती है। आपको कमजोर इंसान से ताकतवर इंसान में बदल देती है। वह करने की शक्ति देती है जिसे दुनियां यह कहकर मना कर देती है कि तुमसे नहीं हो पाएगा।
मजबूत इच्छा शक्ति मजबूत मनुष्य को जन्म देती है।