मुसलमान यह महसूस करते हैं कि उनका जीवन नर्क है, उनका देश एक कसाईखाना है, फिर भी वे खुद को कोसते हुए कहते हैं कि सच्चे इस्लाम पर अमल न करने के कारण ही उनकी यह दुर्गति है। जबकि सच्चाई यह है कि सच्चे इस्लाम के कारण ही इन मुसलमानों का जीवन कष्टमय और नारकीय है।