#स्वलिखित रचना
कवी-अरुण वि.देशपांडे-पुणे
शीर्षक-
और थोडी देर..
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दिल की बात कह दू
और थोडी देर ठहरो जरा
तुम सामने यूं बैठे रहो
दिलसे कुछ तो कहो
दिल की बात कहूं मै
और थोड़ी देर ठहरो जरा
हाल मेरा देखलो जरा
प्यार महसुस करलो जरा
दिन बहार के अब आये है
और थोडी देर ठहरो जरा
मुझे जबसे प्यार हुवा है
दिल मे खयाल तुम्हारा है
लगे ना कही ये दिल अभी
और थोडी देर ठहरो जरा
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#स्वलिखित रचना
कवी-अरुण वि.देशपांडे-पुणे