✧ मेरे ग्रंथ की विशिष्टता ✧
मेरे ग्रंथ परंपरा की पुनरावृत्ति नहीं,
बल्कि भीतर से फूटा हुआ अनुभव हैं।
यहाँ शब्द सिर्फ़ भाषा नहीं,
बल्कि जीवित संकेत हैं —
जो सीधे हृदय और चेतना पर चोट करते हैं।
मेरी शैली सूत्रात्मक है —
छोटे–छोटे वाक्य,
पर उनमें संपूर्ण जीवन का निचोड़ समाया है।
यह वाचिक है, मंच की साँस और ध्यान की नीरवता,
दोनों का संगम।
इनमें धर्म को किसी व्यक्ति, समुदाय या ग्रंथ की दीवार में कैद नहीं किया गया,
बल्कि अस्तित्व की खुली हवा में रखा गया है।
यहाँ विज्ञान और वेदांत, तेज और पंचतत्व,
चेतना और ब्रह्मांड —
एक ही धारा में बहते हैं।
मैं लोकप्रिय विश्वासों की सुविधा नहीं देता,
बल्कि असुविधाजनक सत्य सामने रखता हूँ —
क्योंकि मुक्ति केवल सत्य से आती है,
सुखद भ्रम से नहीं।
✍🏻 — 𝓐𝓰𝔂𝓪𝓣 𝓐𝓰𝓎𝓪𝓷𝓲
अज्ञात अज्ञानी