एक अधूरी महोब्बत...
सुनो...
ये दुनिया बहुत बड़ी है,
हमारी राहों का दोबारा मिलना
शायद मुक़द्दर में नहीं लिखा।
पर अगर कभी अचानक सामना हो भी जाए,
तो बस ऐसे गुज़र जाना
जैसे हम अजनबी थे...
जैसे हम कभी मिले ही नहीं।
तुम हमेशा खुश रहना...
अपने ख्व़ाब पूरे करना,
और मेरी यादों को
दिल पर बोझ बनाकर मत रखना।
ये रिश्ता अब बीते वक़्त की कहानी है,
तो तुम अपनी दुनिया सँवारना,
मैं भी अपनी टूटी रूह को
ख़ुशियों से भरने की कोशिश करूँगी।
जानती हूँ...
तुम्हारे अहंकार के आगे
कभी मोहब्बत की आवाज़ नहीं पहुँच पाएगी।
इसलिए बस एक आख़िरी गुज़ारिश है—
कभी लौटकर मत आना...
क्योंकि अब मेरी दुआओं में
तेरा साथ नहीं,
सिर्फ़ तेरी खुशियाँ माँगी जाएँगी।