अनोखा रिश्ता
चारों तरफ बहुत अच्छी चहल-पहल थी। हर तरफ से सुजानपुर गांव जगमगा रहा था। रंग महल को पुष्प लताओं से सजाया जा रहा है। चारों तरफ आनंद उत्सव छाया है। रानी रूपमती बहुत खुश है। आज उनके मुख पर अपार खुशी है। महाराजा रतन सिंह अपने पुत्र से कह रहे हैं स्वागत में कोई भी कमी नहीं होनी चाहिए।
राजकुमार वीर सिंह, मेहमानों के सेवा सम्मान की तैयारी में जुटे हुए हैं। मिठाई की महक फूलों की सुगंध इत्र की खुशबू रह-रह कर महक रहे हैं। इतने में मालिन फूलों की खास टोकरी लेकर आती है। और राजकुमारी के कमरे में आकर कहती है। राजकुमारी जी यह लीजिए, यह आपके लिए है। दासी बाहर से टोकरी ले लेती है। रानी मां और महाराज रतन सिंहजी,राजकुमारी प्रभावती से मिलने आते हैं। आगे की कहानी पढ़िए
अमेज़न किंडल पर। ममता गिरीश त्रिवेदी की कहानियां