एक दिन याद करोगी....!
देखना..
एक दिन मुझे याद करोगी,
कि कोई लड़का था, जो सिर्फ तुम्हारा था,
जो तुम्हारी एक मुस्कान के लिए
रातों को जागता था।
वो जो इंतेज़ार करता रहा
सालों तक बिना शिकायत के,
अपने जज्बात छुपाता रहा
क्योंकि कह नहीं पाया दिल की बात।
वो लड़ता भी था, झगड़ता भी था,
पर हर बार टूटकर भी
तुम्हारी तरफ ही लौटता था।
तुमने क्यों उसे जाने दिया?
जिसके लिए तुम पूरी दुनिया थी,
जिसकी रूह में सिर्फ तुम्हारा नाम बसा था।
वो तरसता रहा तुम्हारी एक हाँ के लिए,
तुम्हारी एक झलक के लिए,
पर मिला सिर्फ सन्नाटा,
और अधूरी दुआओं का सिलसिला।
एक दिन..
जब तुम्हारे पास सब होगा,
पर कोई अपना न होगा,
तब याद करोगी कि कोई तो था,
जिसकी ज़िंदगी सिर्फ तुम थी..