तुम्हारे आने का सुख।
तुम जब छुट्टी लेकर घर आते हो,
तो जैसे पूरा आँगन खिल उठता है।
मेरे चेहरे पर चमक लौट आती है,
दिल की धड़कनों में एक अलग ही राग बस जाता है।
तुम्हारे आने की आहट भर से,
मन सोचने लगता है —
क्या बनाऊँ, क्या परोसूँ,
कौन सी चीज़ तुम्हें सबसे ज़्यादा भाएगी?
और मैं जुट जाती हूँ,
तुम्हारी हर पसंद को सजाने में,
जैसे ये ही मेरा प्यार जताने का एक ज़रिया हो।
लेकिन…
जब तुम वापस जाते हो,
तब मैं सचमुच बिखर जाती हूँ।
पर तुम्हारे सामने आँसू छुपा लेती हूँ,
कहीं तुम्हें न लगे कि मैं कमज़ोर हूँ,
कहीं ये न सोचे कि मैं परिवार नहीं संभाल पाऊँगी।
इसलिए मुस्कान ओढ़ लेती हूँ,
और तुम्हें लगता है कि मैं उतना प्यार नहीं करती।
सच तो ये है—
मैं बहुत करती हूँ,
इतना कि तुम्हें मेरी तन्हाई,
मेरे आँसू,
कभी बोझ न लगें।
प्रिय पतिदेव❤️❤️👩❤️👨