बस अपने प्यार के खातिर,
वो जमाने से लड़ता रहा।
घुटता था वो अंदर से,
पर बाहर से वो हंसता रहा।
घुटता था वो अंदर से
पर बाहर से वो हंसता रहा।
बस प्यार के खातिर
वो जमाने से लड़ता रहा।
सौ सौ आंसू बहा के रातों में,
दिन में सूरज सा वो चमकता रहा।
बस अपने प्यार के खातिर
वो जमाने से लड़ता रहा।
अपनों से ही हठ कर वो
अपने के लिए हीं तड़पता रहा।
अपनों से ही हठ कर वो
अपने के लिए हीं तड़पता रहा।
बस प्यार के खातिर
वो जमाने से लड़ता रहा।
तकलीफ तो कम उसकी भी ना थी,
तकलीफ तो कम उसकी भी ना थी,
पर फिर भी वो सहता रहा।
बस प्यार के खातिर
वो जमाने से लड़ता रहा।
मुस्कुराती रहा करो तुम सदा,
ये बार बार वो उस से कहता रहा ।
मुस्कुराती रहा करो तुम सदा
ये बार बार वो उस से कहता रहा ।
बस प्यार के खातिर
वो जमाने से लड़ता रहा।
वो जमाने से लड़ता रहा।