बादल की चादर ओढ़े आसमां कुछ कहता है,
ठंडी हवा का हर झोंका तेरा नाम लेता है।
नैना, जब तू मुस्कुराती है इस मौसम में,
लगता है जैसे बहारें भी तुझसे जलती हैं।
बारिश की बूंदें तेरे एहसास में भीग जाती हैं,
हर फिज़ा तेरी बातों में रंग जाती है।
नैना, तू हो जैसे इस मौसम की रूह,
तेरे बिना तो ये हवाएं भी अधूरी सी लगती हैं।
- Naina Khan