💸 “लक्ष्मी की पसंद” 💸
आजकल लक्ष्मी भी समझदार हो गई है —
वो साधु के पास नहीं, चालाक के पास ठहरती है।
जो अंधेरे में रास्ता ढूँढे वो ऋषि है,
जो अंधेरे का फायदा उठाए — वही उद्योगपति है।
भोले लोग ध्यान में डूबे रहते हैं,
और उल्लू लोग सौदा पक्का करते हैं।
सत्य तो अब भावनात्मक शेयर बन चुका है —
और झूठ, मार्केट की सबसे स्थिर करेंसी।