❤️ इश्क का सिंगार ❤️
इश्क का सिंगार
१. नैनों में तेरे दीद का ,सिंगार कर लूं...
जिऊं तेरे हुक्म में ,दूर हंकार कर लूं।
2. सिख जाऊं जीना, जिंदगी दूसरों के लिए,
बस इतना सा, प्रेम का व्यापार कर लूं...
इतनी सद्बुद्धि बख्शी ,मेरे सांइयां ..
के तेरी सृष्टि के साथ ,बेवजह प्यार कर लूं ।
3. रूत पतझड़ की आकर, कर दे पतन बहार का...
द्वारा भी फूल खिलेंगे ,इंतजार कर लूं।
सपने संजोए बैठा हूं, तेरे दीद के लिए ..
.पलके बिछा के नैनो को, बेकरार कर लूं ।
4. बेवजह बातों में गुजर गई, यह आधी जिंदगी ,
चल अब तेरे इश्क का, सिंगार कर लूं...
5. इस दीप नादान पर ,कर ऐसी मेहर रहिबर,
रूहू पर तेरे इश्क का, सिंगार कर लूं....
दीद- दर्शन
रहिबर - परमात्मा