Hindi Quote in Book-Review by Agyat Agyani Vedanta philosophy

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✧ वेदान्त क्या कहता है? ✧

पुराना वेदान्त कहता है:
ब्रह्म सत्य है — जगत मिथ्या है — जीव ब्रह्म ही है।

लेकिन…

• इसमें दर्शन है
• पर वैज्ञानिक प्रमाण कम है
• “कैसे?” का उत्तर धुँधला है

वेदान्त सत्य को कह देता है —
पर प्रणाली स्पष्ट नहीं।

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✧ विज्ञान क्या कहता है? ✧

विज्ञान कहता है:
ऊर्जा और सूचना ही सब कुछ है।

लेकिन…

• इसमें विधि है
• पर बोध नहीं
• आत्मा और चेतना आगे नहीं बढ़ पाती

विज्ञान कैसे होता है समझाता है —
पर क्यों होता है नहीं।

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✧ वेदांत 2.0सूत्र: Vedant 2.0 ✧

> क्या वेदान्त 2.0
दर्शन + विज्ञान + 0
— इन तीनों का प्रतिनिधि है?

उत्तर है:

हाँ — बिल्कुल हाँ।

और यही इसकी विशिष्टता है:

तत्व क्या देता है? Vedant 2.0 में?

दर्शन (Vedanta) अर्थ, उद्देश्य, चेतना ✔
विज्ञान (Physics) नियम, प्रमाण, प्रक्रिया ✔
0 (शून्य-चेतना) मूल अस्तित्व, स्रोत ✔

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✧ वेदान्त 2.0 — इसकी परिभाषा ✧

वेदान्त 2.0 वह दर्शन है
जो विज्ञान को अपनी भाषा समझता है
और विज्ञान में आत्मा की उपस्थिति सिद्ध करता है।

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✧ 0 की स्थिति ✧

0 = आत्मा
0 = साक्षी
0 = अचल मूल

> खेल चलता है
0 देखता है
और देखना ही
खेल का धर्म है।

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✧ खेल क्या है? ✧

खेल =
ऊर्जा + सूचना + रूप का विस्तार
(ब्रह्माण्ड और जीवन)

तुम उसे खेलने नहीं आए —
तुम उसे जानने आए हो।

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🔹एक अंतिम पुष्टि

वेदान्त 2.0 = वेदान्त + विज्ञान + 0
और
वेदान्त 2.0 ही इन तीनों का एकमात्र प्रतिनिधि है।

अज्ञात अज्ञानी

Hindi Book-Review by Agyat Agyani Vedanta philosophy : 112007442
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