Hindi Quote in Motivational by Vedanta Two Agyat Agyani

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अंधभक्ति — गुलामी का सबसे सफल प्रयोग ✧

भारत को सबसे लंबी गुलामी
मुग़लों ने नहीं दी,
अंग्रेज़ों ने नहीं दी —
अंधभक्ति ने दी।

क्योंकि तलवार शरीर को बाँधती है,
लेकिन अंधभक्ति बुद्धि को सुला देती है।

धर्म समझाया नहीं गया — बेचा गया

जो वेद थे वे प्रश्न थे,
जो गीता थी वह संवाद थी,
जो उपनिषद् थे वे अन्वेषण थे।

लेकिन हमने क्या किया?
उन्हें पोस्टर, मंत्र, आश्वासन और चमत्कार में बदल दिया।

धर्म विज्ञान था,
हमने उसे नशा बना दिया।
*

भक्ति नहीं — यह नशे की विधि है

“तीन महीने में अमीर बनोगे”
“यह मंत्र पढ़ो — सब बदल जाएगा”
“फोटो को प्रणाम करो — ग्रह शांत होंगे”

यह भक्ति नहीं है।
यह वही प्रक्रिया है जो शराब में होती है — पहले लालच,
फिर लत,
फिर लाचारी।

अंतर बस इतना है कि
यहाँ बोतल नहीं,
भगवान पकड़ा दिया जाता है।

*

सच्चा आनंद बाहर नहीं आता

धर्म बाहर से आनंद नहीं बरसाता। वह भीतर की आँख खोलता है।

जिस दिन मनुष्य भीतर उतरता है,
उस दिन चमत्कारों की दुकानें बंद हो जाती हैं।

इसीलिए समाज
जागे हुए व्यक्ति से डरता है,
और सपने बेचने वाले गुरु से प्रेम करता है।

*
सनातन में अंधभक्ति नहीं है

वेदों में कहीं नहीं लिखा — बुद्धि छोड़ दो
गीता में कहीं नहीं कहा — समर्पण का अर्थ सोच बंद करना है

सनातन ने तो कहा था — “स्वयं जानो।”

लेकिन हमने पूछा नहीं,
हमने पूजा शुरू कर दी।
*

जब धर्म नींद बन जाए

धर्म तब अपराध बन जाता है
जब वह प्रश्न छीन ले।

धर्म तब ज़हर बन जाता है
जब वह कर्म के स्थान पर
केवल आश्वासन दे।

और वही आज हो रहा है — धर्म नहीं, धर्म का नशा चल रहा है।

*

अंत में एक कठोर सत्य

जो गुरु तुम्हें
निर्भर बनाता है — वह गुरु नहीं।

जो भक्ति तुम्हें
कमज़ोर बनाती है — वह भक्ति नहीं।

और जो धर्म
तुम्हें सोचने से डराए — वह ईश्वर का नहीं, व्यापार का रास्ता है।
*

🅅🄴🄳🄰🄽🅃🄰 2.0 🄰 🄽🄴🅆 🄻🄸🄶🄷🅃 🄵🄾🅁 🅃🄷🄴 🄷🅄🄼🄰🄽 🅂🄿🄸🅁🄸🅃 वेदान्त २.० — मानव आत्मा के लिए एक नई दीप्ति — अज्ञात अज्ञानी

Hindi Motivational by Vedanta Two Agyat Agyani : 112008783
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