🦋...𝕊𝕦ℕ𝕠 ┤_★__
ये नर्वसियत नहीं है, ये तो इक
अंजाम है मेरा,
कि अब हर साँस पर भारी कोई
पैग़ाम है मेरा,
न तुम आए न आया कोई साहिल
इस अंधेरे में,
बस अब तो डूब जाना ही यहाँ पर
काम है मेरा,
कहाँ तक ढूँढते फिरते, सुकूँ की
एक छोटी लौ,
जहाँ से शुरू हुआ था वहीं मुक़ाम
है मेरा,
बहुत आवाज़ दी दिल ने, कि कोई
सुन ले आहट को,
मगर हर सिम्त गूँजा, दर्द का ये
नाम है मेरा,
मुझे अब राहतों की आरज़ू भी क्यूँ
नहीं होती.?
ये कैसा ज़हर है, जो बन गया
इनाम है मेरा,
मैं कैसे कह दूँ दुनिया से, कि मैं
ज़िंदा हूँ अब भी ' ज़ख़्मी,
ये देखो जिस्म है मेरा, मगर बेजान
है मेरा…🔥
╭─❀#_Za khmi..💔༻
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♦❙❙➛ज़ख़्मी-ऐ-ज़ुबानी•❙❙♦
#LoVeAaShiQ_SinGh ☜
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