🦋...𝕊𝕦ℕ𝕠 ┤_★__
हर रोज़ एक नया ग़म दे जाती है
ये ढलती हुई शाम,
जैसे जिंदगी की किताब से कोई
पन्ना हो रहा हो गुमनाम,
नज़रें तलाशती हैं उस शफ़क़ के
आखिरी रंग को,
जो बता सके कि यादों का शहर
क्यों हो रहा है वीरान...🥀🔥
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♦❙❙➛ज़ख़्मी-ऐ-ज़ुबानी•❙❙♦
#LoVeAaShiQ_SinGh ☜
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