तकदीर से शिकायत नही
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कई चेहरे गुजरे नजर के सामने से,
किसी पर यह दिल आया ही नहीं।
सोचता था बड़ी सूनी है जिंदगी,
कसर कभी कम होगी कि नहीं!
एक दिन अलग आया जिंदगी में,
पल वो, जब मिले तुमसे भूला नहीं।
आँखों ही आँखों में बातें क्या हुई,
बातों से कुछ कहना पड़ा ही नहीं।
तुम ही बताना, क्या जादू हो गया!
दिल कब चुराया तुमने, पता नहीं।
दिल खुशी से भर गया है अभी,
अकेलेपन का नामो-निशान नहीं।
जब से आई हो जिंदगी में तुम,
तकदीर से कोई शिकायत नहीं ।।
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हिंदी भाषा डॉट कॉम पर प्रकाशित
-अरुण वि.देशपांडे-पुणे
9850177342
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