🌻 सूरजमुखी का सिद्धांत
सूरजमुखी हमेशा सूरज की ओर नहीं रहते।
संध्या आते ही उनका सिर झुक जाता है —
यह हार नहीं,
बल्कि विश्वास है कि रोशनी फिर लौट आएगी।
**स्वास्थ्य के लिए:**
अपनी गति कम करना कमजोरी नहीं।
आपका शरीर झुकता है ताकि वह ठीक हो सके,
आराम करे ताकि फिर से मजबूती से उठ सके।
**दैनिक दिनचर्या के लिए:**
हर पल मेहनत का नहीं होता।
कुछ समय धीमा होने, साँस लेने,
और सिर्फ जीने के लिए भी होता है।
**करियर के लिए:**
आप हमेशा दिखाई नहीं देंगे।
कुछ समय इंतजार करने, सीखने और तैयार होने का होता है।
जो स्थिर दिखता है, अक्सर वही असली विकास है।
**रिश्तों के लिए:**
जब दो लोग एक-दूसरे के सामने सिर झुकाते हैं,
तो यह हार नहीं,
बल्कि सम्मान, समझ और प्यार है।
कभी-कभी प्यार का मतलब होता है
अपने अहंकार को नरम करना,
जगह देना, और बिना दबाव के जुड़ा रहना।
सिर झुकाना केवल झुकना नहीं, यह भी प्यार है।
झुको जब समय हो।
उठो जब रोशनी लौटे।
क्योंकि सूरजमुखी भी विश्राम करता है —
और फिर भी सुनहरी खिलती है।
🌻Nensi Vithalani