मंदिर Quotes in Hindi, Gujarati, Marathi and English | Matrubharti

मंदिर Quotes, often spoken by influential individuals or derived from literature, can spark motivation and encourage people to take action. Whether it's facing challenges or overcoming obstacles, reading or hearing a powerful मंदिर quote can lift spirits and rekindle determination. मंदिर Quotes distill complex ideas or experiences into short, memorable phrases. They carry timeless wisdom that often helps people navigate life situations, offering clarity and insight in just a few words.

मंदिर bites

क्यों दूढ़े है मंदिर मंदिर तू अपने भगवान को,
वो बसा है कण कण में ,दिल में अपने झांक तो।
#मंदिर

तुम ही हो मेरे #मंदिर -मस्जिद,
तुम ही चर्च- गुरुद्वारा;

मेरे मन #मंदिर में बसा है,
बस एक प्यार तुम्हारा;

सजदा करता हुं में तो बस,
नाम का एक तुम्हारा;

मेरे दिल कि धड़कनों पर,
सजा है, साज तुम्हारा;

तेरे प्यार में दिवाना होकर,
गुन गुनाए गीत सुनहरा;

जीवनपर्यंत करते रहेंगे प्यार,
ये तुमसे वादा है हमारा;

#मंदिर

जब किसी नायक का मन किसी नायिका पर सच्ची तरह से आ जाता है तो वो नायिका उस नायक की देवी और नायक का मन उस देवी का #मंदिर हो जाता है। हो सकता है कुछ लोग कहे कि नायिका की तुलना भगवान से नही की जा सकती तो उनसे इतना ही कहूंगा जब किसी के प्रेम को पाने के लिए एक लड़का जो 59% लाने वाला एवरेज स्टूडेंट हो और सिर्फ उस लड़की का प्यार पाने के लिए सब छोड़कर खुद को 95% लाने वाला टॉपर बना ले तो ऐसी लड़की मन #मंदिर की देवी ही कही जाएगी और लड़का उस मंदिर का पुजारी,


ऐसे ही एक मन #मंदिर के पुजारी रमन की कहानी पढ़िए दिए हुए लिंक पर.....
https://www.matrubharti.com/book/19894490/revti-raman-1
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आपके समर्थन का आकांक्षी .....ऋषभ
#मंदिर

सृष्टी का निर्माता एक
फिर ईश्वर-अल्लाह अलग क्यों?
सुनता तो वोह सबकी मुरादे
फिर दुआ-प्रार्थना अलग क्यों?

कबीर ने लिखे दोहे राम के
शिवबा ने मज्जीद बांधी
क्या अल्लाह ने रोके दोहे
या ईश्वर ने मज्जीद रोकी

क्यों लड़ाई उसके नाम की
जिसने दयालुता सिखाई?
क्या अलग सीख है कुरआन कि
और गीता में अलग इकाई?

जब एक रूप हैं शक्ति का
फ़िर अजान-आरती अलग क्यों?
जब बसता है वोह चरचर में
फिर मंदिर-मज्जीद अलग क्यों?

#मंदिर

ऋषिकेश हिमालय की पर्वत श्रृंखला में मणिकूट पर्वत की तलहटी में गंगा तट पर बसा एक प्राचीन नगर है. ऋषिकेश उच्चारण दोष के चलते हृषीकेश का परिवर्तित रूप है. हृषीकेश का अर्थ है हृषीक (इंद्रिय) को जीतकर रैभ्य मुनि ने ईश (इंद्रियों के अधिपति विष्णु) का प्राप्त किया. इसलिए (हृषीक+ईश अ+ई= गुण) हृषीकेश. हृषीकेश अत्यन्त प्राचीन तीर्थ स्थल है. भूमि एवं जल के अलौकिक प्रभाव, ऋषियों के तपस्या व देव प्रभाव के कारण ही तीर्थत्व का प्रतिपादन होता है. हृषीकेश में उक्त सभी तत्व सन्निहित हैं. नगर के मध्य भाग में स्थित श्री हृषीकेश नारायण (श्री भरत मंदिर) का इतिहास ही ऋषिकेश का इतिहास है.
कृते वाराहरुपेण त्रेतायां कृतवीर्यजम्।
द्वापरे वामनं देवं कलौ भरतमेव च।
-स्कंद पुराण 116/42
यहां रैभ्य ऋषि की तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान विष्णु ने उनको दर्शन दिए और उनके आग्रह पर अपनी माया के दर्शन कराए. रैभ्य ऋषि को वरदान दिया कि आपने अपनी इंद्रियों (हृषीक) को वश में करके मेरी आराधना की है, इसलिए यह स्थान हृषीकेश कहलाएगा और मैं कलयुग में भरत नाम से यहां पर विराजूंगा. हृषीकेश के मायाकुंड में पवित्र स्नान के बाद जो प्राणी मेरे दर्शन करेगा, उसे माया से मुक्ति मिल जाएगी. ये ही हृषीकेश भगवान श्री भरत जी महाराज है.
विक्रमी संवत 846 (ई. सन 789) के लगभग आद्य शंकराचार्य ने बसंत पंचमी के दिन हृषीकेश नारायण श्री भरत भगवान की मूर्ति को मंदिर में पुनः प्रतिष्ठित करवाया था. तभी से हर वर्ष बसंत पंचमी के दिन भगवान शालिग्राम जी को हर्षोल्लास के साथ मायाकुंड में पवित्र स्नान के लिए ले जाया जाता है. इस मंदिर में अक्षय तृतीया के दिन 108 परिक्रमा करने वालों को श्री बद्रीनाथ भगवान के दर्शनों के समान ही पुण्य मिलता है.
#मंदिर