श्रुत Quotes in Hindi, Gujarati, Marathi and English | Matrubharti

श्रुत Quotes, often spoken by influential individuals or derived from literature, can spark motivation and encourage people to take action. Whether it's facing challenges or overcoming obstacles, reading or hearing a powerful श्रुत quote can lift spirits and rekindle determination. श्रुत Quotes distill complex ideas or experiences into short, memorable phrases. They carry timeless wisdom that often helps people navigate life situations, offering clarity and insight in just a few words.

श्रुत bites

श्रुत है प्रेम कण-कण में
श्रुत है जीवन हर क्षण में
दिखती है प्रकृति इस सृष्टि में
बन उसकी प्रतिच्छाया...
हर एक तो बन उसका ही आया।
श्रुत है उसका ही आत्म हर जन में
श्रुत है ब्रह्माण्ड समग्र उसके 'गर्भ' में।।

#श्रुत

अब बिन बोले ही बयां होंगे दिल में छुपे सारे राज...
तेरी सूनी आंखों को सुनने का हुनर मैंने सीख लिया आज...!!

#श्रुत

#श्रुत
तू बढ़ा चल,तू बढ़ा चल
उड़ाके,हर श्रुत अफवाह को,

क्योंकि,कुछ तो लोग कहेंगे,
लोगो का काम है कहना।

तू,जिंदा रख अपने होसलो को,
दुनिया तेरे इर्द-गिर्द घोसला बनाएगी।

तू बन जा सूरज पूरब का,
ये दुनिया सर जुकएगी।
Mahek Parwani

खूबसूरती मैंने बेपनाह देखी..
जब मुस्कुराती अपनी माँ देखी..
अर्चना अनुप्रिया
#श्रुत

वो अपनी ही कहानी कहता चला गया, मेरा दर्द सुनने का हामी नहीं...!
इस बेरुखी से कान सुन्न पड़ गए, अब और सुनने को राजी नहीं...!!

#श्रुत

#श्रुत

मां - जहां से जिन्दगी शुरू होती है।

वैसे तो प्यार की अभिव्यक्ति के लिए मां किसी एक दिन के लिए मोहताज नहीं होती क्योंकि मां के प्यार का कोई पर्याय नहीं होता। हर मां अपनी जिन्दगी में एक ही चाह रखती है कि उसकी सन्तान हमेशा उसकी सन्तान ही बनकर रहे। उम्र के किसी भी पड़ाव में पहुंच कर उसकी यह ख्वाहिश पूरी करते रहना बिल्कुल भी असंभव नहीं है।

अपने व्यस्त समय से थोड़ा कीमती समय मां को पूरी तरह से समर्पित कर दें। इससे अधिक मां अपनी सन्तान से कुछ नहीं चाहती।

#श्रुत होके पढ़िए..
Happy Mother Day..

हर एक ईश्वर की प्रतिमा में मां का ही
आविष्कार है मां ममता है मां करुणा है
मां ही भगवान का दूसरा स्वरूप है ।

सब आकुल व्याकुल हो गए तब मधुर सी
ध्वनि का नाद हुआ ऊवा.. ऊवा.. करके
आंखें खोली तो मुझे भगवान का दीदार
हुआ जिन्होंने मुझे बड़ी प्यारसे सहज कर
अपनी गोदीमें लेकर सुलायाथा अपना खून
देकर उन्होंने मेरी आत्मा सिचा था पता नहीं
नो महीने उसने कितने कष्ट सह के फिर भी
मुझ को हंसते हंसते हर इक पल जेला था

हर एक ईश्वर की प्रतिमा में मां का ही
आविष्कार है मां ममता है मां करुणा है
मां ही भगवान का दूसरा स्वरूप है ।

खुद की नींद छोड़कर मां जब हमें लोरी
गाकर सुनाती थी खुद गीले में सोकर हमें
अच्छी नींद से सुलातीथी उंगली पकड़ के
जिसने चलना सिखाया हमें इस संसार में
जब साला में हम गए तो शिक्षा क्या है
उसका ज्ञान हुआ हमारे हर एक परिणाम
को देखकर खुदही मार्गदर्शिका बनजाती
थी बचपनसे युवानीतक मां ने हमें पाला है

हर एक ईश्वर की प्रतिमा में मां का ही
आविष्कार है मां ममता है मां करुणा है
मां ही भगवान का दूसरा स्वरूप है ।

आज हम बड़े हुए पर मत भूलना मां के
कित ने एहसान है हमारा जीवन हमारा
बचपन जो हम सोच रहे हैं वो बस इस
मां की देन है सच मानो तो मां ही ईश्वर
मां ही अल्लाह मां ही भगवान का रुप है
हर इक सवारो इसकी आखरी सांसे मां
को कहने से गर्व हुए यही मेरा लाल है
आपको उसने अपनी जिंदगी देदी खुदको
मिटा कर अब चंद पल की वो मेहमान है
हो सके उतनी मोहब्बत दे दो दुनिया वालों
आज जिन्होंने खुद के खून से आपको सींचा
है बुढ़ापे में मां आपके प्यार की ही जरूरत है

हर एक ईश्वर की प्रतिमा में मां का ही
आविष्कार है मां ममता है मां करुणा है
मां ही भगवान का दूसरा स्वरूप है ।

सुनिलकुमार नटवरलाल शाह