सनातनी_जितेंद्र Quotes in Hindi, Gujarati, Marathi and English | Matrubharti

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सनातनी_जितेंद्र bites

नुमाइश न किया कर मेरी मुहब्बत का...
ये अंदर की बात है,बाहर दिखता ही नहीं।

#सनातनी_जितेंद्र मन कहेन

पूछेगा खुदा था कौन-कौन शामिल,
मुस्कुरा दूंगा पर तेरा नाम न लूंगा।
तु चिन्ता न कर,तुझे इल्ज़ाम न दूंगा...
क्योंकि......

शिकायतें अक्सर वही लोग करते हैं।
जिन्हें हासिल बहुत कुछ हुआ होता है।।

इतना वक्त कहाँ, हो होश जहां...
रहता चुपचाप, ये न किसी से कुछ कहता है।
अदना सा मन,तो खोने में ही मशगूल हूआ रहता है।।
#सनातनी_जितेंद्र मन कहेन

😥विभीषिका आजादी की...😥

है नहीं आजादी हऽमारी,
ये सिंहासन की मारी थी।
इसे आजादी का नाम न दो,
ये लोलुपता की क्यारी थी।।..नहीं...

निर्दोषों के लहु सनी,
न हमको कभी ये प्यारी थी।
बन आया अभिषाप देश में,
खंडित करने की मनमानी थी।।..नहीं...

ले नेहरू-जिन्ना का वेश,
करम की ऐसी सानी थी।
रोक ना पाया चरखा कोई,
कुछ बापू की मेहरबानी थी।।..नहीं...

लुटी थी न जाने कितनों की,
अस्मत माँ-बेटी-बहनों की।
सत्ताओं ने ठानी थी,
नहीं अचानक से आया था...
ये षड्यंत्र पुरानी थी।।..नहीं...
क्रमशः.....✍️

#सनातनी_जितेंद्र मन कहेन

दर्द का कोई समय नहीं...
कोई एक ठिकाना नहीं।
जब भी जहां भी आती है,
पूरी शिद्दत से आती है।।

देखो मन ने भी कुछ दर्द लिखा है...

#सनातनी_जितेंद्र मन कहेन

की तुझ बिन...जिंदगी ये अधूरी..,
संग अपना देके..आ कर दे इसे पूरी।-कि तुम बिन...
#सनातनी_जितेंद्र मन कहेन

कहती है....!

जो बीतती है उसपे, ये मन क्या जाने??

अरे! कोई समझाओ ,उस पगली को...

कोसतीं ये खुद को..रोतीं हैं रातें, न सोती हैं ये आंखें..
इक उसके प्यार में, इक उसके इंतजार में।

फर्क बस इतना है....
उधर आंसू बहते हैं..
इधर शब्द बन ढहते हैं।

#सनातनी_जितेंद्र मन कहेन

एक बार भी न देखा, न सोचा उसने...
घाव जो दिया, अब मरहम लगा रही है।।

#सनातनी_जितेंद्र मन कहेन

इससे तो अच्छी थी मेरी तन्हाई.....

#सनातनी_जितेंद्र मन कहेन

रूहानी गीत से मेरी, कलम इक रोज़ भर देना।
सुहानी शाम में उभरे, अंधेरों को हटाकर के....
द्वेषों से घिरे मन में, सुकोमल प्रीत भर देना।
पड़ी खाली बिन परछाईं ,मेरी तसबीर वर्षों से....
हो हमसायाऽ तुम मेरीऽ,भली तकदीर कर देना।

#सनातनी_जितेंद्र मन कहेन
काव्यांश.....मनभावना❤️✍️