roop Quotes in Hindi, Gujarati, Marathi and English | Matrubharti

roop Quotes, often spoken by influential individuals or derived from literature, can spark motivation and encourage people to take action. Whether it's facing challenges or overcoming obstacles, reading or hearing a powerful roop quote can lift spirits and rekindle determination. roop Quotes distill complex ideas or experiences into short, memorable phrases. They carry timeless wisdom that often helps people navigate life situations, offering clarity and insight in just a few words.

roop bites

सौम्यक्रोधधरे सृष्टिरूपे महिषासुरनिर्नाशि चामुण्डे नमस्तुभ्यं।
सर्वस्वरूपे महाविद्ये कपालिनी देवी नारायणि नमोऽस्तु ते ॥
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अर्थ- सौम्यक्रोध धारण करने वाली, सृष्टिस्वरूपिणी, महिषासुर का नाश करने वाली देवी चामुण्डे तुम्हें नमस्कार है। सर्वस्वरूपा महाविद्ये कपालिनी नारायणि देवी तुम्हें नमस्कार है।
((संस्कृत लिखने का प्रयास किया है, कोई त्रुटि हो गई हो क्षमा करें))
नवरात्रि की आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं🌷🌷
🙏🥀
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सभी के जीवन में एक इंसान ऐसा ज़रूर होता है जिसका महत्व क्यों होता है यह कभी समझ नहीं आता। यह वही इंसान है जो आपके दिल में एक विशेष स्थान रखता है। जिससे आपको प्रेम है।
मगर यह प्रेम रूहानी होता है। इसे किसी भी प्रकार के सामाजिक दिखावे या स्पष्टीकरण की आवश्यकता नहीं होती। इसे किसी बंधन की आवश्यकता नहीं होती।
यह प्रेम खो देने के भय और पा लेने की ख़्वाहिश से परे होता है।
यकीन ना हो तो गौर करिए.. इसे पढ़ते वक्त कौन याद आ रहा है। वो वही है जिससे आपको प्रेम तो बहुत है मगर उससे कोई सम्बन्ध नहीं है, कोई अपेक्षा नहीं है।
हाँ! वह इंसान स्वयं में ही ख़ूबसूरत एहसास है केवल।
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तो क्यों ना आप उस इंसान को आज गुलाब के साथ एक संदेश भेजें। सिर्फ यह बताने के लिए की आप भी हैं जो उसे निःस्वार्थ रूप से प्रेम करते हैं। आप उसे हमेशा खुश और सुरक्षित देखना चाहते हैं।
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तुमने देखा है कभी मृत कविताओं को..
मैंने देखा है..
वो जो गुलाब प्रेमिका की किताब में छिपा हुआ था, उसकी सूखी हुई पंखुड़ियों में..
किसी ख़ूबसूरत पेड़ पर पत्थर से लिखे गए नामों में..
विरह की आग में झुलसते हुए प्रेमी में..
किसी देह से धीरे-धीरे निकलते प्राणों में..
टूटी हुई चूड़ी में..
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मैंने देखा है मृत कविताओं को बाबा के माथे पर उभरी लकीरों में..
माँ के हाथों की नरमी को बदलती हुई झुर्रियों में..
किसी मकान की चहल-पहल को बदलती हुई ख़ामोशी में..
व्यक्त की गई भावनाओं के ठुकराए जाने में..
बेघर मनुष्य के हवेलियों को देखते हुए चेहरे पर आने वाले भावों में..

मैंने देखा है..
हँसी के पीछे छिपाए गए आँसुओं में..
किसी की दम तोड़ी हुई चीख में..
खिलौनों को देख कदमों को रोक लेने वाले बचपने में..
समझदारी के नाम पर घुटने वाले हर इंसान में..

मैंने हर दुःख में केवल मृत कविताएं देखी हैं..
💔
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तुम्हें याद है..
जब तुमने मुझे अपने करीब किया मेरे कानों में हौले से कुछ कहने, उस वक़्त मैंने अपने हाथों को तुम्हारे सीने पर रख, तुम्हारे और मेरे बीच दूरी बनाई थी।
मगर आज वही हाथ, मुझे मेरा महसूस नहीं होता। महसूस होती है तो केवल उसमें तुम्हारी धड़कनें।
और तुम कहते थे अक़्सर तुम्हारे सीने पर भी उतर गई है मेरे हाथों की छाप।
सुनो, क्या अब.. कभी उस सीने पर किसी और के हाथ को महसूस कर सकोगे।
शायद नहीं!
हमारी आख़िरी मुलाक़ात में तुम्हें मेरे कानों में हौले से फिर कुछ कहना था.. तब शायद मैं लौटा पाती तुम्हारी धड़कनें..
और तुम दे पाते मुझे मेरे हाथों की छाप।
मगर खैर..
🥀❤️🥀
Pc-me
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वो जब अपनी प्रेमिका के लिए पायल, बिछिया और कंगन लाया.. तो पूछ बैठा प्रेमिका से..
कहो, तुम क्या दे रही हो मुझे??
प्रेमिका ने बड़े ही प्रेम से कहा..
"इन्हें पहनाने का अधिकार"।
🥀❤️
Pc- me
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‘दफन से पहले नब्ज जांच लेना साहब,
कलाकार उम्दा है कहीं किरदार में न हो’
-अज्ञात
💔💔
✍️- me
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