खर्च कर तुम पर अपना सारा सुकून,
थोड़ी सी मैंने बेचैनी खरीदी है,
तुम्हारे ख्वाबों में उलझ कर रह गयी हूं मैं,
अपनी नींद भी तुम पर उधारी दी है।
हर लम्हा तन्हा बीता तेरे इंतज़ार में,
और हर खुशी तेरे नाम पर कुर्बानी दी है,
ये इश्क़ कोई सौदा नहीं था शायद,
पर फिर भी मैंने हर खुशी तुम्हारी खुशी में दी है।