माँ और पापा – मेरा सबसे बड़ा वरदान"
माँ की ममता, पापा की छाया,
इनसे सुंदर नहीं कोई माया।
हर दर्द को खुद सह जाते,
मुझे हँसता हुआ देख मुस्काते।
माँ के आँचल में चाँद समाया,
पापा के कंधों पे आसमान पाया।
रातों को माँ जागती रही,
हर सुबह पापा भागते रहे।
माँ ने सिखाया दिल से जीना,
पापा ने सिखाया कभी ना हार मानना।
उनकी दुआओं से चलता हूँ मैं,
हर ठोकर में संभलता हूँ मैं।
जो मैं हूँ, उनका दिया है,
जो बनूँगा, वो सपना लिया है।
माँ-पापा, तुम हो मेरी जान,
तुम दोनों हो मेरा भगवान।
(लेखक: सानिध्य टेंभुर्णे)