☀️ सुप्रभात... याद है ☕
याद है...
हर सुबह तेरी “सुप्रभात” वाली मुस्कान,
और चाय के प्याले में घुली वो बातों की जान।
याद है...
खिड़की से झाँकता सूरज,
और तुम्हारे “जागो ना!” कहने का अंदाज़ भी याद है।
याद है...
तुम्हारा सुबह-सुबह बेमतलब लड़ना,
फिर "चलो मुस्कुरा लो" कह कर सब सुलझा देना भी याद है।
याद है...
साथ में उठना, साथ में दिन की शुरुआत करना,
और तेरे बिना सुबह का अधूरा सा रह जाना भी याद है।
याद है...
तेरी भेजी वो फूलों वाली सुप्रभात तस्वीरें,
और हर इमोजी में छिपे जज़्बात भी याद हैं।
याद है...
तेरे शब्दों में बसी दुआएं,
और उन दुआओं में मेरा नाम होना भी याद है।
आज भी हर सुबह
तेरी यादों का सूरज उगता है,
और तेरी शुभकामनाओं की रौशनी से
मन फिर से "सुप्रभात" कहता है... ☀️
✍️ डॉ. पंकज कुमार बर्मन,कटनी,
मध्य प्रदेश