पहाड़ों की ओट से,
छिपने लगा सूरज,
जैसे कोई शर्मीला प्रेम, 🙈
धीरे-धीरे ओझल हो रहा है।
आसमान में बिखरी,
नारंगी और सुनहरी आभा,
☁️बादलों ने ओढ़ ली है,
जैसे कोई नई दुल्हन।
चारों ओर फैली शांति,
हवाओं में बहता सुर,
मन को सुकून देती,
ये प्रकृति की धुन।
छिपते हुए सूरज को,
देखकर ये दिल कहता है,
कि हर ढलती शाम,
एक नए सवेरे का वादा है🥰