🌹 पहली नज़र का इश्क़ 🌹
दिल्ली की ठंडी शाम थी। कॉलेज का कैंपस अपने शोर और चहल-पहल से भरा हुआ था। वहीं, भीड़ के बीच आरव पहली बार उसे देखता है—
एक लड़की, सफ़ेद कुर्ते में, बाल हवा में उड़ते हुए, हाथों में किताबें संभालती हुई… उसका नाम था अन्वी।
आरव को लगा जैसे वक़्त रुक गया हो। वो कुछ कह नहीं पाया, बस दूर से उसे देखता रह गया।
दिन बीतते गए। लाइब्रेरी में, कैफ़ेटेरिया में, और कभी-कभी बस-स्टॉप पर—आरव की नज़र हमेशा उसी पर टिक जाती।
पर वो बोलने की हिम्मत नहीं जुटा पाता।
एक दिन, लाइब्रेरी में किताब गिरने पर दोनों का हाथ एक साथ किताब उठाने के लिए बढ़ा।
पहली बार उनकी आँखें मिलीं।
और शायद वहीं से कहानी शुरू हुई।
धीरे-धीरे बातचीत हुई। किताबों पर, सपनों पर, और ज़िंदगी पर।
अन्वी को आरव का सच्चा और मासूम स्वभाव पसंद आने लगा।
और आरव… वो तो पहले ही उसका हो चुका था।
लेकिन प्यार कभी आसान नहीं होता।
अन्वी के घरवाले सख़्त थे। पढ़ाई पूरी होने तक किसी रिश्ते की इजाज़त नहीं थी।
आरव जानता था कि उसे सब्र करना होगा।
वक़्त गुज़रता गया।
आरव ने सिर्फ़ एक वादा किया—
"अन्वी, मैं तुम्हारा इंतज़ार करूँगा। चाहे जितना भी वक़्त लगे।"
तीन साल बाद…
जब अन्वी ने अपनी पढ़ाई पूरी की, उसके घरवाले हैरान रह गए कि जो लड़का तीन साल तक बिना किसी उम्मीद के उसके लिए खड़ा रहा, वो कितना सच्चा होगा।
और उस दिन, अन्वी ने मुस्कुराकर कहा—
"आरव, अब और इंतज़ार नहीं। ये ज़िंदगी तुम्हारी है।"
आरव की आँखों में खुशी के आँसू थे।
उसकी पहली नज़र का इश्क़ आखिरकार हमेशा के लिए उसका हो गया।
✨ सीख: सच्चा प्यार कभी हारता नहीं। वक्त चाहे जितना भी ले, अगर इरादे साफ़ हों और दिल सच्चा हो—तो दो दिल हमेशा मिल जाते हैं।