🦋...𝕊𝕦ℕ𝕠 न┤_★__
शिकायतें सब भुला चुके हैं, अब
कोई गिला नहीं,
मंज़िलें जब जुदा थीं हमारी, तो
रास्ता मिला नहीं,
मैं खुद को मना लूँगा हाँ मैं खुद
को मना लूँगा,
तुम अपनी मुस्कान संजोए
रखना,
दबाए बैठे हैं दर्द दिल में, हँसी
लबों पर सजाए रखना,
तड़प रही है जो याद बन- कर
वो शम्मा घर में जलाए रखना,
हमें सिखाया था तुमने जीना
अब भूलना भी सिखा दो तुम,
जो बुझ गई है लौ वफ़ा की उसे
दोबारा जगा दो तुम,
यूँ खामोशी से ना जाओ कुछ
बोलकर तो देखो तुम,
उजड़ गई जो बस्ती दिल की
उसे फिर से बसा दो तुम,
मेरे सफ़र में…बस थोड़ी सी
अपनी दुआ रखना,
ख़ुशी मिली जो तुम्हें किसी से
तो हम भी खुद को मना लेंगे,
ज़माना पूछेगा हाल मेरा ज़ब
तो झूठा किस्सा सुना देंगे,
मिले जो खुशियाँ तुम्हें जहाँ की
यही मेरी फ़रियाद है,
बचेगा क्या इस वजूद में अब कि
रूह तक तो बर्बाद है,
जब तक ये सांसें चलेंगी बस तेरा
ही इंतज़ार है,
अब बस इतना ही कहना, मुकद्दर
का लिखा ये फ़ासला, शायद साथ
हमारा यहीं तक था…🥀😔
╭─❀💔༻
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♦❙❙➛ज़ख़्मी-ऐ-ज़ुबानी•❙❙♦
#LoVeAaShiQ_SinGh ☜
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