Super Villain Series

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स्थान: उत्तराखंड की बर्फीली पहाड़ियों के बीच छुपा एक अजीबोगरीब घाटी — “त्रि-गह्वर” काल: कलियुग का वह समय जब धर्म का संतुलन डगमगाने लगा था… हिमालय की गोद में एक घाटी थी, जो न तो किसी नक्शे में दर्ज थी, न किसी कथा में। उस घाटी को स्थानीय लोग “त्रि-गह्वर” कहते थे — क्योंकि वहाँ तीन ऐसी गुफाएँ थीं, जो हर हज़ार साल में एक बार ही खुलती थीं… और जब खुलती थीं, तो कुछ न कुछ अनहोनी ज़रूर होती थी। लोग कहते थे कि वहाँ कोई "सो रहा है"… कोई ऐसा, जो ना देवता है, ना राक्षस। वो कुछ और है। कुछ ऐसा… जिसका नाम लेना भी पाप माना जाता है।

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Super Villain Series - Part 1

स्थान: उत्तराखंड की बर्फीली पहाड़ियों के बीच छुपा एक अजीबोगरीब घाटी — “त्रि-गह्वर”काल: कलियुग का वह समय जब धर्म संतुलन डगमगाने लगा था…हिमालय की गोद में एक घाटी थी, जो न तो किसी नक्शे में दर्ज थी, न किसी कथा में।उस घाटी को स्थानीय लोग “त्रि-गह्वर” कहते थे —क्योंकि वहाँ तीन ऐसी गुफाएँ थीं, जो हर हज़ार साल में एक बार ही खुलती थीं… और जब खुलती थीं, तो कुछ न कुछ अनहोनी ज़रूर होती थी।लोग कहते थे कि वहाँ कोई "सो रहा है"…कोई ऐसा, जो ना देवता है, ना राक्षस।वो कुछ और है।कुछ ऐसा… जिसका नाम लेना भी ...Read More

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Super Villain Series - Part 2-3

Super Villain Series – Part 2: "पहला बलिदान"स्थान: काशी का 2000 वर्ष पुराना एकांत शिव मंदिरपात्र: पंडित हरिनाथ शुक्ल एक 70 वर्षीय साधु, जो सच्चे भक्त हैं, और ब्रह्मचारी जीवन जीते हैंसुबह का समय था।गंगा किनारे हल्का सा कोहरा फैला हुआ था।शिव मंदिर में पंडित हरिनाथ शुक्ल जैसे रोज़ की तरह सुबह 4 बजे मंदिर पहुँचे।उन्होंने बेलपत्र चढ़ाया, जल अर्पित किया और एक छोटी सी प्रार्थना शुरू की।“हे नीलकंठ… संसार बेकाबू होता जा रहा है।अधर्म बढ़ रहा है।कहीं से कोई आस नहीं दिखती प्रभु…क्या अब भी कोई राम नहीं आएगा?”उसी क्षण मंदिर के ऊपर काले बादल मंडराने लगे।घंटियाँ ज़ोर-ज़ोर ...Read More

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Super Villain Series - Part 4-5

Super Hero Series – Part 4“अर्णव की पहली झलक – और वो सपना जो उसके रोंगटे खड़े कर देता का तीसरा पहर था।गाँव के उत्तर में एक पुराना शिव मंदिर था, जहाँ बरसों से कोई दीप नहीं जला था।लेकिन उस रात… हवा अचानक थम गई। मंदिर की घंटियाँ अपने-आप बजने लगीं।पास ही, गाँव के बाहर एक टूटी हुई झोपड़ी में,एक 18-19 साल का युवक बिस्तर पर करवटें बदल रहा था।उसका नाम था — अर्णव।एक अनाथ लड़का, जो पास के स्कूल में पढ़ाता था,पर उसका मन हमेशा बेचैन रहता था… जैसे कुछ अधूरा हो।सपना जो हर रात लौटता है…उसने आँखें ...Read More

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Super Villain Series - Part 6-7-8-9

Part 6 – “Power Jagti Hai – The Awakening”रात का सन्नाटा चारों ओर फैला था। अर्णव एक गहरी नींद था, लेकिन उसके सपने फिर से अशांत हो गए थे। इस बार उसे दिखा...एक बड़ा काले वस्त्रों में लिपटा हुआ तांत्रिक – आग के बीच में बैठा हुआ मंत्र पढ़ रहा है। चारों ओर कंकाल नाच रहे हैं। और वो तांत्रिक, अर्णव की ओर इशारा करते हुए कहता है:"तेरे भीतर मेरी ही ज्वाला है... तू मेरा ही रक्त है... जाग!"अर्णव की आँखें खुलीं। बदन पसीने से तर था। लेकिन तभी, उसकी हथेली से हल्की रौशनी निकलने लगी। उसने डरते-डरते उसे ...Read More

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Super Villain Series - Part 10

Super Hero Series – Part 10: “कुर्बानी की शुरुआत”हवा में कुछ अजीब था। मानो धरती की आत्मा कुछ कह हो, लेकिन कोई सुन नहीं पा रहा।अर्णव अब पहले जैसा नहीं रहा। वो अब जान चुका था कि उसके भीतर कोई ऐसी शक्ति है, जो न सिर्फ उसे, बल्कि पूरी दुनिया को बदल सकती है। लेकिन एक सवाल हर पल उसकी आत्मा को कचोटता था —“मैं कौन हूँ? और... किसका हूँ?”गाँव के एकांत जंगल में बैठा अर्णव ध्यान करने की कोशिश कर रहा था। पेड़ों की सरसराहट, पक्षियों की चीखें और जमीन की कंपन... जैसे प्रकृति खुद उसे कुछ समझाना ...Read More

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Super Villain Series - Part 11

Super Hero Series – Part 11: रक्त की पुकाररात के तीसरे पहर, अर्णव ध्यान में बैठा था। उसकी साँसें थीं लेकिन मन अशांत। शरीर पसीने से भीगा हुआ, और आँखों में डर नहीं, बस सवाल थे।अचानक…उसके कानों में एक धीमी आवाज़ गूँजी।“अर्णव…”वो आवाज़ किसी इंसान की नहीं थी। ना गुस्से से भरी थी, ना करुणा से — बल्कि... जैसे लहू खुद बोल रहा हो। वो आवाज़ उसके भीतर से आई थी, उसके दिल से नहीं, रक्त से।अर्णव चौंका — उसकी रगें जलने लगीं, और उसके शरीर पर लाल रेखाएँ उभरने लगीं। वो रेखाएँ कोई सामान्य नसें नहीं थीं… वे ...Read More