नागमणि

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कुछ सच इतने गहरे, इतने रहस्यमयी होते हैं कि ज़िन्दगी की सारी परतें उधेड़ कर रख देते हैं। ऐसी ही एक सच्चाई छुपी है एक लड़की – तन्वी – की आँखों में। बचपन की एक घटना ने उसकी किस्मत बदल दी। वो अब सिर्फ एक लड़की नहीं, बल्कि एक रहस्य, एक शक्ति और शायद एक श्राप भी बन चुकी है।1. बचपन की वो भयावह दोपहर भैरवपुर, हिमालय की तलहटी में बसा एक छोटा सा गाँव। यहाँ के लोग सीधे-सादे, पहाड़ जितने शांत और झील जैसे गहरे थे। गाँव के पास घना जंगल था, जहाँ जाने की मनाही थी। लेकिन बच्चों के कदमों में कहां लगाम होती है? तन्वी, महज़ सात साल की एक चंचल, हँसमुख और जिद्दी बच्ची थी। उसके माता-पिता किसान थे। एक दिन वो अपने छोटे भाई चिराग के साथ जंगल के किनारे खेल रही थी। फिसलते-फिसलते दोनों बच्चे उस पुराने वटवृक्ष तक पहुँच गए जिसे गाँव वाले 'नाग पीपल' कहते थे।

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नागमणि - भाग 1

️ लेखक: विजय शर्मा एरीप्रस्तावनाकुछ सच इतने गहरे, इतने रहस्यमयी होते हैं कि ज़िन्दगी की सारी परतें उधेड़ कर देते हैं। ऐसी ही एक सच्चाई छुपी है एक लड़की – तन्वी – की आँखों में। बचपन की एक घटना ने उसकी किस्मत बदल दी। वो अब सिर्फ एक लड़की नहीं, बल्कि एक रहस्य, एक शक्ति और शायद एक श्राप भी बन चुकी है।1. बचपन की वो भयावह दोपहरभैरवपुर, हिमालय की तलहटी में बसा एक छोटा सा गाँव। यहाँ के लोग सीधे-सादे, पहाड़ जितने शांत और झील जैसे गहरे थे। गाँव के पास घना जंगल था, जहाँ जाने की मनाही ...Read More

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नागमणि - भाग 2

--- नागमणि भाग 2: नागमणि की तलाश️ विजय शर्मा एरी---भाग 1 का संक्षेपतन्वी, जिसे बचपन में कालनाग ने डंस था, मौत के मुंह से बच निकली। उस दिन से उसमें एक अलौकिक शक्ति आ गई — जब भी वो किसी साँप को देखती, चाहे असली हो या तस्वीर, उसके भीतर से सुनहरी आँखों वाली नागशक्ति जाग उठती। कभी वो इस शक्ति से भलाई करती, कभी किसी को विनाश में धकेल देती। भाग 1 के अंत में एक साधु ने उसे बताया कि उसे “नागमणि” प्राप्त करनी होगी — जो उसे पूर्ण बनाएगी, लेकिन इसके साथ उसका पहला शिकार भी ...Read More

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नागमणि - भाग 3

---नागमणि – भाग 3लेखक: विजय शर्मा एरीरात के अँधेरे में जंगल का सन्नाटा एक बार फिर टूटा। आकाश में गरज रहे थे और कभी-कभी बिजली की चमक उस सुनसान जगह को पल भर के लिए उजाले से भर देती। रोहित, दिव्या और पंडित रघुनाथ मंदिर के टूटे-फूटे आँगन में खड़े थे। पंडित जी के हाथ में वह प्राचीन ग्रंथ था, जिसमें नागमणि के रहस्य और उसकी रक्षा के उपाय लिखे थे।"दिव्या बेटा," पंडित जी ने धीमी आवाज़ में कहा, "अब समय आ गया है कि तुम सच्चाई जानो। नागमणि सिर्फ़ एक रत्न नहीं, यह नागवंश की आत्मा है। जो ...Read More