पहली मुलाकात.

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कॉलेज का पहला दिन, नए students के लिए excitement और nervousness दोनों लेकर आया था। पूरे कैंपस में हलचल थी—नई किताबों की खुशबू, नए चेहरों की भीड़ और भविष्य के सपनों की आहट। इन्हीं नए चेहरों के बीच एक चेहरा और था—मुकुंद का। मुकुंद का जीवन आसान नहीं था। गाँव में गरीबी और संघर्षों के बीच उसने पढ़ाई की थी। पिता किसान थे, जिनकी कमाई बमुश्किल घर का खर्च चला पाती थी। लेकिन मुकुंद के सपने बड़े थे। उसने कड़ी मेहनत से entrance exam पास किया और इस नामी कॉलेज में दाखिला पाया। कॉलेज का विशाल गेट उसके लिए किसी मंदिर के द्वार से कम नहीं था। भीतर कदम रखते ही उसे अपने संघर्ष का फल महसूस हुआ। लेकिन उसके मन में एक हल्की चिंता भी थी—"क्या मैं यहाँ टिक पाऊँगा?"