खुली खिड़की से आती ठंडी हवा प्रीतम के कुछ कुछ सफेद हुए बालों को धीरे धीरे सहेला रही थी। 56 साल का प्रीतम अपनी कुर्सी पर बैठा बैठा कुछ सोच रहा था ।बाहर से आता शोर मानो उसके कानो तक पहुंचता ही ना हो ,बाहर से आते शोर में उसे अचानक से अपना नाम सुनाई दिया, प्रीतम ने पीछे मुड़कर दरवाजे की तरफ ऐसे देखा मानो किसी योगी की तपस्या किसी ने भंग की हो।
अधूरे इश्क की पूरी दास्तान - 1
खुली खिड़की से आती ठंडी हवा प्रीतम के कुछ कुछ सफेद हुए बालों को धीरे धीरे सहेला रही थी। साल का प्रीतम अपनी कुर्सी पर बैठा बैठा कुछ सोच रहा था ।बाहर से आता शोर मानो उसके कानो तक पहुंचता ही ना हो ,बाहर से आते शोर में उसे अचानक से अपना नाम सुनाई दिया, प्रीतम ने पीछे मुड़कर दरवाजे की तरफ ऐसे देखा मानो किसी योगी की तपस्या किसी ने भंग की हो।पीछे मुड़कर देखा तो उसका दोस्त विष्णु खड़ा था। वो अंदर आते हुए बोला अरे भाई क्या कर रहा हैं में कबसे आवाज दिए जा रहा ...Read More