रात्रि: मुझे ये समझ नहीं आ रहा, सारे राज़ खुल गए हैं... तुम मेरे सामने हो, तुमने मुझे सब बता भी दिया, फिर इन सपनों का क्या मतलब है?
एवी सोच में पड़ गया।
रात्रि: कहीं ऐसा तो नहीं कि तुमने मुझे सब कुछ बताया ही नहीं?
वो एवी को घूर रही है।
रात्रि: कहीं ऐसा तो नहीं... कि तुम कुछ छुपा रहे हो?
एवी घबरा गया और बोला: ये... ये... तुम... ये तुम क्या बोल रही हो?
रात्रि कुछ नहीं बोली।
दूसरी तरफ अगस्त्य अपने ऑफिस के लिए निकल गया।
पर ये खबर थमने का नाम नहीं ले रही...
अगस्त्य ऑफिस पहुंचा।
अर्जुन: भाई... आप कुछ दिन के लिए अमेरिका चले जाइए... तभी ये मीडिया कुछ भूलेगी।
अगस्त्य: क्या...?
अर्जुन ने मोबाइल में एक न्यूज़ दिखाई, जिसमें लिखा था — हीरो या विलेन...? अगस्त्य मान
और साथ ही ये भी लिखा था कि Mr. Mathew करेंगे Maan Productions पर केस!
अगस्त्य (इरिटेट होकर): उस Mathew में अभी भी हिम्मत है कुछ करने की...?
अर्जुन: भाई, आप कुछ दिन के लिए मॉम-डैड के पास चले जाओ...!
अगस्त्य (एक स्माइल के साथ): अभी मेरा मूड नहीं है।
और तभी उनके केबिन में एक नोटिस आया।
ये कोर्ट केस का सम्मन है।
अर्जुन: जिसका डर था वही हुआ...
Next Day
मीडिया की खबरें और भी ज़ोर पकड़ रही हैं...
रात्रि को पता चला कि अगस्त्य पर केस हुआ है...
रात्रि अगस्त्य के घर पहुंची।
अगस्त्य आराम से सोफे पर बैठा, और अपने दोनों पैरों को नवाबों की तरह सामने टेबल पर रखकर, हाथ में एक पॉपकॉर्न का बाउल लेकर TV पर अपनी न्यूज़ देख रहा है।
रात्रि ने उसके रूम में एंट्री ली, उसने रात्रि को देखकर भी कोई रिएक्शन नहीं दिया... वो अभी भी TV देख रहा है।
रात्रि उसके आगे खड़ी हो गई... उसने अपनी मुंडी साइड की और तिरछी नज़रों से TV को ही देखने लगा...
रात्रि इधर-उधर होकर उसका ध्यान खींचने की कोशिश में, पर वो इधर-उधर मुंडी करके TV पर फोकस करता है।
रात्रि इतनी इरिटेट हुई कि उसके पास गई, रिमोट छीना और TV ऑफ कर दी।
अगस्त्य (अनजान बनते हुए): अरे रात्रि मित्तल तुम...? तुम कब आई?
रात्रि (तिरछी नज़र से देखती हुई): तुम मुझे ये सब कब बताने वाले थे??
अगस्त्य: सॉरी... I am very sorry, मैं तुम्हें बताना भूल गया... सोचा भी कि तुम्हें फोन करके बता दूं, फिर तुम ही आ गई... चलो अब बता देता हूं... (उसके पास आता हुआ) रात्रि... वो... मैं... ये बोलना चाहता हूं कि...
रात्रि (सांसें तेज करते हुए): कि...?
अगस्त्य: कि... मेरे चॉकलेट पॉपकॉर्न खत्म हो गए हैं... तुम मेरे लिए मार्केट से ले आओगी?
रात्रि के होश उड़ गए, उसने अगस्त्य को धक्का दिया और बोली: क्या...?
अगस्त्य: और कुछ बताना था क्या...?
रात्रि (गुस्से में): मैं केस के बारे में बोल रही हूं...!
अगस्त्य (आंखें घुमाते हुए): वो मैं तुम्हें क्यों बताता?
रात्रि: ये सब मेरी वजह से हुआ है तो!
अगस्त्य (हँसते हुए): सॉरी... सॉरी... पर तुम्हारी वजह से कैसे? तुम तो एक पंच भी नहीं मार पाती...!
रात्रि (गुस्से में): तुम समझते क्या हो खुद को!
अगस्त्य: हो गया तुम्हारा???
तभी अर्जुन भागता हुआ आया।
अर्जुन: भाई... बाहर मीडिया और पुलिस आए हैं।
रात्रि (घबरा कर): पर क्यों...?
अर्जुन: भाई को कल पुलिस स्टेशन में पहुंचना था, पर भाई नहीं गए!
अगस्त्य: अब बाहर चले???
सब बाहर पहुंचे।
पुलिस वाले: Mr. Maan, आपको हमारे साथ चलना होगा! आपके ऊपर जानलेवा हमले का केस है, और आप पुलिस स्टेशन भी नहीं पहुंचे, आज... इसलिए।
अगस्त्य एक कॉल करता है और एक आदमी बाहर से पुलिस वालों के पास आता है और उनको कुछ पेपर्स देता है।
पुलिस वाले: ये क्या है...?
अगस्त्य: मेरी शादी के कागजात... आप लोगों को ज़रूर आना है, वरना मैं घोड़ी पर नहीं बैठूंगा! प्लीज़!
पुलिस वाले: क्या...???
अगस्त्य (अचानक सीरियस होकर): Can't you just read it...? ये मेरी बेल के पेपर्स हैं।
पुलिस वालों ने पेपर चेक किए।
अगस्त्य: आपका जो पेट्रोल लगा है, उसके पैसे... मैं तो आपको नहीं दे सकता, सॉरी! बहुत महंगा है ना... तो आप लोग खुद मैनेज कर लेना, bye!
पुलिस: ये सिर्फ बेल के पेपर्स हैं... केस बंद नहीं हुआ है, हम फिर मिलेंगे।
अगस्त्य: ज़रूर...
रात्रि (अगस्त्य से): हम मिलेंगे ज़रूर, पर एक नए केस पर... Mr. Mathew के रात्रि मित्तल से ज़बरदस्ती करने के केस में... जो मैं फाइल करके आई हूं।
पुलिस: आपके पास कोई प्रूफ...?
रात्रि: (पर्स से केस के पेपर निकालते हुए) ये रहे।
पुलिस वाले चले गए।
अगस्त्य: तुम पागल हो क्या... तुम्हें अपना नाम लाने की क्या ज़रूरत थी इस बीच में...?
रात्रि: क्योंकि मैं ही वजह हूं...
अगस्त्य: जिस करियर और मेहनत की तुम दुहाई दे रही थी ना... वो इससे तबाह हो जाएगा... तुम्हें अंदाज़ा भी है?
रात्रि: तो यही तुम्हारे साथ भी होता न...?
अगस्त्य: मैं देख लेता, मुझे फर्क नहीं पड़ता इस सब से...!
अर्जुन: भाई... बाहर मीडिया भी है।
अगस्त्य (रात्रि से): तुम यहीं रुको... मैं उनको हैंडल कर लूंगा...!
इतना कहकर अगस्त्य और अर्जुन बाहर आए।
मीडिया: सर, सर, सर, सर... अपने पार्टनर्स के साथ ऐसी हरकत के लिए क्या जस्टिफिकेशन देंगे...?
सर... Maan Productions में अपने मेहमानों को इस तरह ट्रीट करते हैं क्या????
क्या ये मासूम पर हाथ उठाने के लिए एक बार भी ज़रूरी नहीं समझा...?
अगस्त्य आराम से उनकी बातें सुन रहा है।
रात्रि (अंदर से बाहर आती है): हम आपको जवाब देंगे लेकिन कानून के दायरे में रहकर।
मीडिया: ले क्लोज-अप ले... यही है, जिसकी वजह से सब हुआ है।
मीडिया: मैम, आपकी वजह से एक भोले-भाले आदमी को हॉस्पिटल जाना पड़ा...? क्या कहेंगी आप?
एक आवाज़ (भीड़ से): वो आदमी न भोला था, न भाला...
एक लड़की उस भीड़ से निकलती हुई आगे आई...
अगस्त्य उसे देखकर दंग रह गया, उसकी आंखें दो-दो इंच ज्यादा बड़ी हो गईं, और उसके मुंह से निकला: "सय्युरी...?"
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