Age Doesn't Matter in Love - 18 in Hindi Drama by Rubina Bagawan books and stories PDF | Age Doesn't Matter in Love - 18

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Age Doesn't Matter in Love - 18

आन्या रोते हुए बोली,
"क्या करूं? बताइए न, मुझे क्या करना चाहिए? माँ को बताया था… उन्होंने क्या किया? मेरी पढ़ाई बंद कर दी। अगर पापा को बता दिया तो…"

अभिमान ये सुनकर उसका चेहरा अपने हाथों में भरते हुए बोला,
"अनू… मैं अब नहीं रह पा रहा हूँ। बस बहुत हो गया। दो साल हो गए हमारे रिश्ते को। मुझसे शादी कर लो ना, अनू…"

आन्या की आँखों से आँसू रुकने का नाम नहीं ले रहे थे। वो कांपती आवाज़ में बोली,
"अगर मैं आपके साथ चली गई, तो पापा का सिर झुक जाएगा… और मैं ये बर्दाश्त नहीं कर पाऊंगी…"

इतना कहकर वह फूट-फूट कर रोने लगी।

अभिमान ये सुनकर गुस्से में आ गया। वह चिल्लाते हुए बोला,
"क्या चाहती हो तुम? तुम्हें पता भी है तुमने मुझे पागल कर दिया है! तुम्हारा ख्याल दिल-दिमाग से जाता ही नहीं… और कितना तड़पाना चाहती हो मुझे!"

आन्या रोते हुए बोली,
"अभिमान… छोड़िए… मुझे दर्द हो रहा है…"

अभिमान ने उसकी बाहें पकड़कर झकझोरते हुए कहा,
"मेरे उस दर्द का क्या… जो तुम मुझे दे रही हो, अनू?"

आन्या, कांपती हुई, अभिमान के सीने से लग गई। और फिर… फूट-फूट कर रोने लगी।

अभिमान का गुस्सा अब भी शांत नहीं हुआ था। वो चिल्लाया,
"क्या कहा तुमने? सिर झुक जाएगा? तो सुनो… मैं मर जाऊंगा तुम्हारे बिना, आन्या!"

ये सुनकर आन्या सहम गई। उसके शब्द गले में अटक गए। आज अभिमान का गुस्सा उसे सहन नहीं हो रहा था।

आन्या ने खुद को कड़ी आवाज़ में संभालते हुए कहा,
"आप… आप हमें भूल जाइए।"

अभिमान ये सुनकर गुस्से से चिल्लाया,
"फाइन! मैं जा रहा हूँ!"

इतना बोलकर वो गुस्से में कार में बैठा और चला गया।
आन्या नम आँखों से अभिमान को जाते हुए देखती रही।
वो वहीं बैठ गई। थक सी गई थी। उसकी आँखों से आँसू लगातार बहते रहे…

तभी पीछे से किसी की आवाज़ आई,
"बच्चा…"

आन्या ने रोते हुए उस आवाज़ को सुना। घुटनों के बल बैठकर वह अभिमान के सीने पर थपकी मारते हुए रोते-रोते बोली,
"क्यों आए हैं? जाइए यहाँ से… जाइए ना…"

अभिमान धीमे से बोला,
"मर रहा हूँ तुम्हारे बिना… ऐसे कैसे चला जाऊँ…"

आन्या उसकी छाती से जा लगी।
अभिमान का दिल पसीज गया। वह आन्या को अपनी बाँहों में भरते हुए बोला,
"शांत हो जाओ बच्चा… नहीं कर रहा अब गुस्सा… शांत हो जाओ… मैं यहीं हूँ, देखो मेरी तरफ…"

आन्या मासूमियत से रोते हुए बोली,
"अभिमान… मैं भी आपके बिना नहीं रह सकती हूँ… मुझे समझ नहीं आ रहा क्या हो रहा है… मेरा सिर दर्द से फट जाएगा…"

अभिमान ने उसकी कमर को सहलाते हुए कहा,
"श्श्श… कुछ मत सोचो… शांत हो जाओ…"

आन्या ने आँखें बंद कर लीं।
अभिमान ने उसे कसकर बाँहों में भर लिया।
उसका चेहरा अपने सीने से लगाते हुए बोला,
"तुम्हारी फैमिली कब आने वाली है?"

आन्या नींद में बोली,
"कल रात को…"

अभिमान ने उसे अपनी गोद में उठा लिया और कार में लाकर बैठा दिया।

आन्या उसकी छाती से लगकर सो गई।
अभिमान उसे देखते हुए सोचने लगा…
इस छोटी-सी लड़की का वो दीवाना हो गया है… पागल हो गया है।

उसके चेहरे पर आँसुओं के निशान थे।
अभिमान प्यार से बोला,
"अनू… बस एक बार हिम्मत कर, अपने पापा को बता दो ना…"

आन्या ने नम आँखों से उसे देखते हुए कहा,
"अगर उन्होंने मना कर दिया तो…?"

अभिमान चुप हो गया।
आन्या फिर से उसके सीने से जा लगी।

अभिमान मुस्कुराकर बोला,
"अच्छा ठीक है… इतना मत सोचो… सो जाओ…"

आन्या धीमे से बोली,
"हमें… आपकी बाहों में सोना है…"

अभिमान ने उसके माथे को चूमते हुए कहा,
"हम्म… बस कुछ देर…"

वो कार ड्राइव करने लगा…
आन्या… उसकी बाँहों में सुकून से सो चुकी थी।