कहानी शीर्षक: 💌 "एक बार फिर वही मोड़ पर"
लेखिका: InkImagination
प्रस्तावना: शहर की चहल-पहल से दूर, एक पुराना रेलवे स्टेशन… जहाँ समय रुक सा गया है, और कहानियाँ अधूरी रह गई हैं। यह कहानी रिद्धिमा और अयान की मोहब्बत की है, जो पांच साल पहले टूट गई थी, लेकिन दिलों में जिंदा रही। यह एक भावनात्मक और रोमांटिक सफर है, जहाँ एक बार फिर वही मोड़ पर लौटने की उम्मीद ने प्यार को नई जिंदगी दी। यह कहानी हर पाठक के दिल को छू जाएगी।
अध्याय 1: सर्द शाम का इंतजार
वह सर्द शाम थी, जब हवा में ठंडक और कोहरे का मेल था। लखनऊ के उस पुराने रेलवे स्टेशन पर भीड़ कम थी, सिर्फ कुछ यात्री और एक खामोशी जो वक्त को गवाह बना रही थी। रिद्धिमा, अब 23 साल की, अपने कांपते हाथों से गर्म कॉफी का कप थामे उस बेंच पर बैठ गई, जहाँ पांच साल पहले उसने अयान के साथ एक वादा किया था—“हमेशा साथ रहेंगे।” लेकिन वह वादा अधूरा रह गया था।उसकी आँखों में आंसुओं की चमक थी, और वह खुद से बुदबुदाई, “शायद अब सब ठीक है… या शायद मैं खुद को झूठ बोल रही हूँ…” पांच साल पहले, 18 साल की मासूम रिद्धिमा ने अयान को छोड़ दिया था—समाज के दबाव, परिवार की नाराजगी, और उम्र के फर्क के आगे झुकते हुए। लेकिन आज, वह वापस लौटी थी—बिना किसी योजना के, सिर्फ अपने दिल की पुकार सुनते हुए।
अध्याय 2: अधूरी मोहब्बत की यादें
रिद्धिमा की जिंदगी का वो दौर याद आया, जब वह कॉलेज की नई छात्रा थी। अयान, 27 साल का, English Literature का प्रोफेसर, उसकी कक्षा में आया था। उसकी गहरी आवाज़, कोमल मुस्कान, और आँखों में छिपी समझ ने रिद्धिमा को पहली नजर में प्रभावित किया था। शुरुआत में यह सिर्फ admiration थी—उसकी कविताओं का जादू, उसकी किताबों की बातें। फिर दोस्ती हुई, और धीरे-धीरे इश्क़ पनप गया।वे चुपके से मुलाकातें करते—कॉलेज की लाइब्रेरी में, स्टेशन की उस बेंच पर, और बारिश की रातों में चाय की दुकान पर। अयान ने एक दिन कहा, “तुम मेरी जिंदगी की सबसे खूबसूरत कविता हो, रिद्धिमा।” उसकी बातों ने रिद्धिमा का दिल चुरा लिया, और वह भी उससे बेइंतहा प्यार करने लगी। लेकिन यह प्यार आसान नहीं था।रिद्धिमा के माता-पिता ने उम्र के फर्क और सामाजिक कलंक का हवाला देकर मना कर दिया। एक रात, आँसुओं से भरी आँखों के साथ, रिद्धिमा ने अयान को पत्र लिखा—“मुझे माफ कर दो, मैं तुम्हें छोड़ रही हूँ…” और बिना मुड़कर देखे चली गई। अयान ने उसे रोकने की कोशिश की, लेकिन उसकी खामोशी ने सब खत्म कर दिया।
अध्याय 3: लौटने का फैसला
पांच साल बाद, रिद्धिमा एक नई जिंदगी जी रही थी—नौकरी, दोस्त, और एक नीरस दिनचर्या। लेकिन उसका दिल अधूरा था। एक दिन, पुरानी डायरी में अयान का खत मिला, जिसमें लिखा था, “अगर कभी लौटना हो, तो वही स्टेशन, वही बेंच…” यह पढ़ते ही उसका मन बेचैन हो उठा। वह लखनऊ लौट आई, बिना किसी योजना के, सिर्फ अपनी अधूरी कहानी का आखिरी पन्ना पढ़ने।स्टेशन पर बैठे-बैठे उसकी आँखों के सामने पुरानी यादें तैरने लगीं—अयान की मुस्कान, उसकी गहरी बातें, और उसका आखिरी गले लगाना। तभी एक परिचित आवाज़ ने उसे चौंका दिया, “तुम्हें कॉफी अब भी ज्यादा मीठी पसंद है?”रिद्धिमा का दिल जोर से धड़का। उसने पीछे मुड़कर देखा—वहाँ अयान खड़ा था। 32 साल का अब, लेकिन वैसा ही कोमल, बस आँखों में सवाल नहीं थे, एक हल्की सी मुस्कान थी। उसकी काली शर्ट और हल्की दाढ़ी ने उसे और आकर्षक बना दिया था।
अध्याय 4: दिल की गहराई
रिद्धिमा की साँसें थम गईं। उसने धीरे से कहा, “मैं माफी माँगने नहीं आई… बस देखना चाहती थी कि तुम ठीक हो।” उसकी आवाज़ में दर्द और पछतावा था।अयान उसके पास आकर बेंच पर बैठ गया। उसने उसकी ओर देखा, और उसकी आँखों में एक पुराना प्यार झलक उठा। उसने कहा, “पांच साल से बस यही सोच रहा था कि क्या तुम एक बार फिर उस मोड़ पर लौटोगी… मेरी हर रात तुम्हारी यादों से भरी रही, रिद्धिमा।”रिद्धिमा की आँखें नम हो गईं। उसने पूछा, “और तुम?”
अयान ने उसका हाथ थामा—उसकी हथेली में गर्मी थी, जो रिद्धिमा के दिल को छू गई। “मैं अब भी वहीं खड़ा हूँ…” उसने फुसफुसाया, “बस इस बार अगर लौटो, तो फिर कभी जाना मत। मैंने तुम्हें खोया था, लेकिन अब तुम्हें अपने पास रखना चाहता हूँ।”रिद्धिमा का गला रुंध गया। उसने अपने आंसुओं को रोकते हुए कहा, “मैंने तुम्हें छोड़ा था, क्योंकि मुझे लगा मैं इसके लायक नहीं… लेकिन हर दिन तुम्हारी याद ने मुझे तोड़ा।”अयान ने उसका चेहरा अपने हाथों में लिया और बोला, “तुम मेरी जिंदगी का हिस्सा हो, रिद्धिमा। तुम्हारे बिना मेरी हर साँस अधूरी रही।” उनकी आँखें एक-दूसरे में डूब गईं, और कॉफी ठंडी हो गई, लेकिन उनके दिलों में गर्माहट लौट आई थी।
अध्याय 5: प्यार का पुनर्जन्म
उस रात, स्टेशन की खामोशी में दोनों लंबे समय तक बातें करते रहे। अयान ने बताया कि उसने रिद्धिमा के जाने के बाद किसी को अपने करीब नहीं आने दिया, क्योंकि उसका दिल सिर्फ उसके लिए धड़कता था। रिद्धिमा ने कहा, “मैंने कोशिश की कि तुम्हें भूल जाऊँ, लेकिन तुम मेरी हर साँस में बस गए।”अचानक बारिश शुरू हो गई। अयान ने रिद्धिमा को अपनी जैकेट से ढक लिया और उसे अपने पास खींचा। उनकी साँसें एक-दूसरे से मिल रही थीं, और बारिश की बूंदें उनके चेहरों पर गिर रही थीं। अयान ने उसका हाथ कसकर पकड़ा और बोला, “अगर तुम मुझसे प्यार अभी भी करती हो, तो आज से हमारी नई शुरुआत हो।”रिद्धिमा की आँखों से आँसू बह निकले। उसने सिर हिलाया और कहा, “हाँ, अयान… मैं तुमसे फिर से प्यार करती हूँ।”
अध्याय 6: रोमांस की रात
उस रात, वे स्टेशन से होटल की ओर चले गए। बारिश में भीगते हुए, अयान ने रिद्धिमा का हाथ थामा और उसे अपने पास खींच लिया। होटल के कमरे में पहुँचकर, उसने उसकी गीली चोटी को खोला और उसके बालों को सहलाया। “तुम अब भी वैसे ही खूबसूरत हो, रिद्धिमा,” उसने फुसफुसाया।रिद्धिमा ने उसकी आँखों में देखा और बोली, “और तुम मेरी जिंदगी के सबसे कीमती हिस्से हो।” उन्होंने एक-दूसरे को गले लगाया, और उनकी बाँहों में एक पुराना प्यार नया रूप ले रहा था। अयान ने उसके गालों को छुआ, और उनके होंठ धीरे-धीरे मिले—एक कोमल, भावुक चुंबन, जो उनके पांच साल के दर्द को मिटा रहा था।बारिश की बूंदें खिड़की पर पड़ रही थीं, और कमरे में प्यार की गर्माहट फैल गई। रिद्धिमा ने उसकी छाती पर सिर रखा और कहा, “इस बार मैं तुम्हें कभी नहीं छोड़ूँगी।”
अयान ने उसे और कसकर बाँहों में लिया और बोला, “और मैं तुम्हें अपनी आँखों से ओझल नहीं होने दूँगा।”
✨ अंतिम पंक्तियाँ
“कभी-कभी अधूरी कहानियाँ भी फिर से शुरू हो सकती हैं,
बस जरूरत होती है एक बार फिर वही मोड़ पर लौटने की हिम्मत की।
रिद्धिमा और अयान की मोहब्बत यही साबित करती है—
प्यार कभी मरता नहीं, वह सिर्फ इंतजार करता है।”
🌟 पाठकों के लिए संदेश
प्रिय पाठकों, "एक बार फिर वही मोड़ पर" रिद्धिमा और अयान की एक ऐसी प्रेम कहानी है, जो हर दिल को छू जाएगी। अगर आपको यह पसंद आई, तो कृपया मुझे फॉलो करें और अपने विचारों को कमेंट में साझा करें। आपका हर प्यार और समर्थन मेरी लेखनी को नई ऊँचाइयों तक ले जाएगा। मेरी अन्य कहानियाँ भी पढ़ें, और मुझे बताएँ कि आपको क्या अच्छा लगा—आपके शब्द मेरे लिए प्रेरणा हैं! ❤️
InkImagination
समाप्त।
Thankyou 🥰🥰 ...