Adakaar - 13 in Hindi Crime Stories by Amir Ali Daredia books and stories PDF | अदाकारा - 13

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अदाकारा - 13

अभिनेत्री 13*

मैं तो दीवानी हो गई
प्यार मे तेरे खो गई
शर्मिलाने अपने मोबाइल पर अपनी ही फिल्म 
*डोलती नाव"
का सुपरहिट गाना रिंगटोन के तौर पर लगा रखा था।उसकी रिंग बजने से गहरी नींद में सो रही शर्मिला की नींद टूट गई।
फोन उठाने के बजाय उसने पहले तो गुस्से से फोन की ओर घूर कर देखा फिर फोन काट दिया।और उसने फिर से सोने की कोशिश की लेकिन तभी रिंगटोन फिर से बज उठी।
में तो दीवानी हो गई
प्यार मे तेरे खो गई
इस बार उसने घृणा से फोन हाथ में लिया। स्क्रीन पर उसे उसके मेनेजर निर्मल झा का नाम दिखाई दिया।
उसने झुंझलाहट भरी आवाज़ में पूछा।
"क्या हुआ? इतनी सुबह सुबह मेरे बिना कौन सा काम रुक रहा था?फ़ोन क्यों किया तुमने ?"
"नमस्ते मैडम। हैप्पी बर्थ डे......"
इससे पहले कि वह कुछ और कह पाता, शर्मिला ने उसे बीच में ही रोक दिया।
"हैप्पी बर्थ डे तो तुम मुझे बाद में कह सकते थे है ना?तुमने उस सुबह मेरी नींद खराब कर दी।"
"माफ़ करना मैडम,लेकिन अभी सुबह नहीं हुई है।दोपहर के बारह बज रहे हैं।और मल्होत्रा के का नौ बजे से लेकर अब तक तीन फ़ोन आ चुके हैं।"
मल्होत्रा एक मशहूर निर्देशक हैं।और उन्होंने शर्मिला को अपनी नई फ़िल्म
*हो गए बर्बाद* 
के लिए साइन किया था।
"क्या?उसे क्या हुआ?"
"मैडम,उसे कुछ नहीं हुआ...।"
उसने गुस्से में निर्मल को फिर टोका।
"तो फिर तुमने फ़ोन क्यों किया आखि़र?"
"हमने उसे आज से लगातार तीस दिनों की तारीख़ दी है।और आज पहले दिन, हमें नौ बजे की शिफ्ट में शूटिंग पर जाना था।"
"तुम मल्होत्रा को फ़ोन करो और उसे कल से शूटिंग शुरू करने के लिए कहो।आज के दिन मैं अपना जन्मदिन मनाउंगी।"
"ठीक है मैडम।"
यह कहकर निर्मल झा ने फ़ोन रख दिया और फिर मल्होत्रा को फ़ोन किया।
"मल्होत्रा सर। आज मैडम शूटिंग पर नहीं आ सकतीं।कल से।"
"अरे भाई। ऐसे क्यों चलेगा? क्या तुम्हें अंदाज़ा है कि सेट का रोज़ का किराया कितना है? मेरी मैडम से बात कराओ।"
मल्होत्रा ने थोड़ी ऊँची आवाज़ में कहा।
लेकिन निर्मल की आवाज़ धीमी थी।
"सर।बात को समझजिए।आज मैडम का जन्मदिन है,इसलिए आप कुछ भी कर लें, मैडम नहीं आएंगी।"
"अरे, आयेगी क्यों नहीं?क्या मज़ाक लगा रखा हे?मेरी शर्मिला से बात कराओ।तुमने जो तारीख़ दी थी,वो मैंने मान ली।अब मैं तुम्हें अपनी शूटिंग में खलल नहीं डालने दूँगा।"
निर्मल को लगा कि मल्होत्रा से अब और बहस करने का कोई फ़ायदा नहीं है।और वो शर्मिला को भी अच्छी तरह जानता था।वो जानता था कि अगर उसने मैडम को दोबारा फ़ोन किया, तो उसकी तो शामत ही आजाएगी।इसलिए उसने बीच का रास्ता निकाला।उसने शर्मिला का नंबर मल्होत्रा को दिया और कहा।
"मल्होत्रा सर,आप खुद ही मैडम से बात कर लीजिए।"
"ये भी बढ़िया है।मैडम की तारीख़ तय करना तुम्हारा काम है।और जब तारीख़ आ जाए,तो मैडम को मनाने का काम डायरेक्टर को करना चाहिए?तो आप सेक्रेटरी बनकर क्या कर रहे हैं?"
मल्होत्रा ने निर्मल को चिढ़ाते हुए कहा। लेकिन निर्मल ने शांति से जवाब दिया।
"सर,जब मैंने आपको तारीख बताई थी,तो मैं यह भूल गया था कि मैडम का जन्मदिन आज की तारीख मे आ रहा है।लेकिन अगर मैं मैडम को दोबारा फ़ोन करूँगा,तो मेरे साथ बहुत बुरा हो सकता हे।इसलिए प्लीज़। आपही बात कर लीजिए।"
"ठीक है,मैं फ़ोन कर लेता हूँ।"
यह कहकर मल्होत्राने अपनी जेब से फ़ोन निकाला।
और फिर उसने शर्मिला को फ़ोन किया।
यह शर्मिला के लिए एक अनजान नंबर था, इसलिए उसने पहली बार मे फ़ोन नहीं उठाया।इसलिए मल्होत्रा ने दूसरी बार कोशिश की।उसी नंबर एक बार फिर से रिंग बजी तो शर्मिला ने सोचा।आज उसका जन्मदिन है तो किसी प्रशंसक का फ़ोन होगा, इसलिए इस बार उसने फ़ोन उठाने के बजाय फ़ोन काट दिया।लेकिन मल्होत्रा हिम्मत हारने वाला नहीं था।
उसने तीसरी बार कोशिश की।इस बार भी, उसी नंबर से कॉल देखकर शर्मिला का गुस्सा फूट पड़ा। उसने गुस्से में फ़ोन उठाया।और लगभग चिल्लाते हुवे बोली।
"हैलो। कौन है?....."
"नमस्ते मैडम।जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएँ..."
"शुक्रिया।लेकिन आप कौन हैं?"
उसने चिढ़कर पूछा।
"मैं मल्होत्रा बोल रहा हूँ,मैडम।"
"मल्होत्रा कौन मल्होत्रा?...."
शर्मिला बोलती हुई भ्रमित हो गई थीं।लेकिन उन्हें तुरंत याद आ गया। इसलिए उन्होंने अपनी गलती सुधारी।
"ओह,माफ़ कीजिए।डायरेक्टर साहब। थैंक्यू।बहुत-बहुत शुक्रिया।"
"आपका दिन खुशियों से भरा रहे।"
"फिर से थैंक्यू।"
"ठीक है शर्मिला जी,आज का दिन एन्जॉय कीजिए,लेकिन प्लीज़।कल सुबह नौ बजे से शूटिंग पर आ जाइए।"
मल्होत्रा ने विनती भरे स्वर में और धीरे से कहा।जवाब में शर्मिला ने कहा।
"चिंता मत कीजिए मल्होत्रा साहब।समझ लो कल से हमारी शूटिंग शुरू हो रही है।"
और शर्मिला ने फ़ोन रख दिया।
        अब उसकी नींद पूरी तरह से उड़ चुकी थी।उसे याद आया कि आज उसकी जुडवा बहन का भी बर्थडे है।कुछ पलों तक वह सोचती रही कि अपनी जुड़वाँ बहन को फ़ोन करे या नहीं?आज शर्मिला का जन्मदिन थातो उसकी जुड़वाँ बहन का भी तो था।वह अपनी बहन को शुभकामनाएँ देना चाहती थी। लेकिन दोनों बहनों के बीच कुछ नहीं हुआ। दोनों जुड़वाँ बहनें ज़रूरी थीं, लेकिन दोनों के स्वभाव में बहुत फ़र्क़ था।
दोनों के बीच बातचीत कम ही होती थी। आख़िरकार उसने फ़ैसला किया कि आज अपनी बहन को शुभकामनाएँ देनी चाहिए। वह ज़रूर देगा। उसने अपनी जुड़वाँ बहन को फ़ोन किया।

(पढ़ रहे हैं दोस्तों। शर्मिला की जुड़वाँ बहन कौन है, यह तो आप जानते ही होंगे ना? अब शर्मिला को दूसरी तरफ़ से कैसी प्रतिक्रिया मिलती है, यह जानने के लिए अगला एपिसोड पढ़ें)