Tera Lal Ishq - 6 in Hindi Crime Stories by Kaju books and stories PDF | तेरा लाल इश्क - 6

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तेरा लाल इश्क - 6






"तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई,,,मुझे फिर से किस करने की,,,बेशर्म कही के शर्म क्या,,,बेच खाई है,,, मेरी मर्जी के बिना ऐसे कैसे किस किया तुमने मुझे,,,आज तक मैने तुमसे ऊंची आवाज में बात नही की इसका मतलब कुछ भी करोगे,,,समझ क्या रखा है तुमने मुझे ककड़चूड़े कही के"
आशना गुस्से से लाल तमतमा कर बोली।

"क्या,,,,? क्या कहा तुमने मुझे ककड़चूड़ा,,,इतना हैंडसम लड़के को तुम ककड़चुड़ा बोल रही हो,,,और तुम ही तो बार बार बोल रही थी,,,

(उसकी नकल करते हुए) "तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई,,,ऐसे कैसे किस किया तुमने मुझे",,,

तुमको देखना था,,,तो मै दिखा दिया की कैसे किया,,,अब इसमें मेरी क्या गलती है"
कृषभ बेपरवाही से बोला।

थोड़ी देर पहले जब जब कामपाल और कृषि बात कर रहे थे तो उस समय लिफ्ट के अंदर आशना एक कोने में टिक कर खड़ी थी। 

(फ्लैस बैक) 

कृषभ उसे ही निहारे जा रहा था उसके ऐसे देखने से आशना को बहुत चीड़ हो रही थी। 
वो चिड़ते हुए बोली "तुम,,,तुम कबतक मुझे ऐसे छिछोरे की तरह घूरते रहोगे"

"मैं कहा तुम्हे घुर रहा हु,,,मैं तो बस देख रहा हूं" उसने सीधा जवाब दिया,,,! 

आशना उसे घूरकर "मेरे चेहरे पर क्या कोई मूवी लगी है,,,? जो देख रहे हो,,,"  

"हा,,,हिटलर मैडम शो चल रहा,,," कृषभ ने पलट कर जवाब दिया। 

"अपनी बकवास बंद करो" आशना दात पिस्ते हुए बोली।

"तुम्हे तो मेरी हर बात बकवास ही लगती हैं,,, जैसे खुद भविष्यवाणी करती हो" कृषभ बच्चो की तरह मुंह फुलाए बोला।
यकीन मानो बहुत क्यूट बेबी लग रहा था उस वक्त,,,आशना तो बस देखती रह गई ऐसा मत समझना,,,अरे भूलो मत आशना "अनरोमांटिक पर्सन"

आशना चिढ़कर "चुप,,,,एक तो ये बिजली पता नहीं कौन से जन्म की दुश्मनी निकाल रही,,,बार बार बंद चालू हो रही है,,,सब  तुम्हारी वजह से" 

"बिजली तो मेरी दूर की बहन है ना,,,जिसको आने जाने का नेवता दिया हु मै,,,बात करती हो" कृषभ भी तुनकते हुए बोला। 

आशना "कितने अकडू हो,,,कितने घंटो से लिफ्ट में फसे है,,,लेकिन तुम हो की अपनी गलती मान ही नहीं रहे,,," 

"मैं क्यों मानू,,,जब गलती की ही नहीं" कृषभ बेपरवाही से बोला। 

काशना झल्लाते हुए "आआ आ,,,सच में अकडू (अकड़) ककडू(ककड़ी) लकडू (लकड़ी)  हो तुम,,, ककड़चुड़े कही के,,,"

उसकी बात सुन कृषभ का
दिमाग झल्लाया "ज्यादा मत बोलो समझी,,,भूलो मत मैं no 1 लीडर हु,,,तमीज से पेश आओ,,,और अगर मैं अकडू ककडू लकडू हु तो तुम क्या हो,,,?बोलो बोलो,,,"

डेंजर स्माइल कर "अकडू ककडू लकडु को लंगडू करने वाली,,,अभी थोड़ी देर पहले एक नमूना पेश किया था,,,याद न हो तो दुबारा करू" 

कृषभ घबराते हुए "न ना,,,,नही कोई ज,, जरूरत नहीं,,,मेरी याददस्त घोड़े से भी तेज है,,,लेकिन मेरी कोई गलती नही है" 

"और किस किया उसका क्या,,,अरे हा मैं तो भूल ही गई,,,वो तो तुमने जान बूझकर किया था है ना,,,क्या सोच कर किया बंद लिफ्ट है तो आशना कुछ नही करेगी,,,किस करना हैं तो अपनी gf को करो ना मुझे मेरी मर्जी के बिना ऐसे कैसे किस कर लिया तुमने बेशर्म कही के"
आशना गुस्से में भड़की।

उसकी बात सुनकर अचानक कृषभ के दिमाग में एक शरारत सूझी,,,उसने गिरने का 
नाटक किया और आशना से जा टकराया और फिरसे उसे किस कर लिया
आशना इसके लिए बिल्कुल तैयार नहीं थी
उसकी आंखे हैरानी से बड़ी हो गई 
इसबार कृषि ने पूरी  सावधानी बरती वो झट से उससे दूर हो गया "सॉरी इस बार सच में गलती से हो गया" 
आशना उसे आखें फाड़ कर घूर रही थी। 
वो मन में बोली,,,
"बेशर्म कंकड़चूड़ा कही का,,, इससे ज्यादा बेशर्म पूरे जासूस वर्ल्ड में नही होगा,,,मार खाने के बाद भी इसकी हरकते तो देखो"

(वर्तमान)

उसकी बात सुन कशना उसे मारने आगे बढ़ी ही थी की लाइट वापस आ गई और लिफ्ट ऑन हो गई। 
लिफ्ट जैसे ही खुली आशना और कृषभ जल्दी से बाहर आ गए और लंबी लंबी  सास लेने लगे। 
इतनी देर से लिफ्ट में बंद थे सास लेने में तकलीफ तो होगी ही। 

उन दोनों को ही अंदाजा नहीं था की दो लोग उन्हें घूर रहे है और वो कामपाल और कृषि थे। 

जब दोनो नॉर्मल हो गए तो उन्हे अपने ऊपर किसी की नजरे महसूस हुई दोनो ने सिर उठा कर देखा सामने कामपाल जो मुंह खोले खड़ा था।
और कृषि हाथ बांधे उन्हे शक  की निगाहों से देख रहा था।
दोनो को कुछ समझ नहीं आया फिर आशना और कृषभ ने एक दूसरे को देखा। 
दोनो की आखें हैरानी से बड़ी हो गई आशना के होठों की लिपस्टिक फैली हुई थी और लिपस्टिक फैलने की मेहरबानी करने वाले कृषभ कुंद्रा के होठों पर भी लिपस्टिक लगी हुई थी।

दोनो ने एक दूसरे की  फैली हुई लिपस्टिक हड़बड़ी में जल्दी जल्दी साफ  की और उन दोनो को देखा जो अब भी वैसे ही खड़े थे आशना उन्हे इग्नोर कर बेपरवाही से आगे बढ़ गई।

कृषभ कृषि को एक नजर देख मन में "इस बड़बोले के दिमाग में जरूर कुछ खिचड़ी पक रही है,,,थोड़ा चौकन्ना रहना होगा मुझे" और उसे घूरते हुए वहा से चला गया।

कृषि को तो सारा माजरा समझ में आ गया।

कृषभ को जाते हुए देख "आज कुछ न कुछ लफड़ा हुआ है इनके बीच"

और कमपाल की तरफ देखा जो अभी भी वैसे ही खड़ा था ।
वो खीज गया,,,और उसके कान के पास चिल्ला कर बोला,,,,,


हे सॉरी फ्रेंड्स स्टोरी बहुत दिन के बाद अपलोड कर रही हूं। क्या है की बहुत प्रॉबलम हो रही थी । खत्म होने का नाम ही नही ले रही। 🥺🥺🥺🤗अपना प्यार ऐसे ही बनाए रखे सिर्फ मेरे लिए नही प्रतिलिपि के हर एक लेखक के लिए।

और आपकी प्यारी बुद्धू लेखिका की तरफ से आपको और आपके परिवार को वेरी वेरी हैप्पी दिवाली 🎊🎊🎉🎊💥💥💥😊😊😁😁😆🤩🤩🤩🙏🙏🙏🙏🤗🤗🤗💕💕❤️❤️😆😆😆😆😆😆

"हैप्पी दिवाली,,,
हैप्पी दिवाली,,,
हैप्पी दिवाली आई,,,

फटाके,तोहफे,और खुशियों की
रोशनी अपने संग लाई,,,"

काजल साहू (काजू)
🎇🎆🎇🎆🎇🎆🎇🎆🎇🎆🎇🎆🎇🎆🎇
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