Adakaar - 28 in Hindi Crime Stories by Amir Ali Daredia books and stories PDF | अदाकारा - 28

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अदाकारा - 28

*अदाकारा 28*

     एक घंटा तो पलक झपकते ही बीत गया। शर्मिला जो सात बजे आयी थी वो आठ बजते ही उठी और बोली।
"उर्मिला चलो।जीजू के आने का समय हो गया है।अब मैं भी चलती हूँ।वो फ़ोन पर ही बहुत गुस्सा कर रहे थे।पता नहीं मुझे अपने सामने देखकर तो वो क्या करेंगे?।तुम प्लीज़ मेरी तरफ़ से उन्हें भी सॉरी कहना ओर मना भी लेना।"
"हाँ शर्मिला।मैं पूरी कोशिश करूँगी।और तुम संभल के जाना।और अब आते-जाते रहना और अगर आ न पाओ तो फ़ोन करते रहना।"
"ठीक है।तुम भी फ़ोन करना और कभी-कभी मेरे घर भी आना।मैं तुम्हें अपना पता सेंड कर दूँगी। ठीक है?बाय।"
यह कहकर शर्मिला ने उर्मिला को गले लगाया और उसके गाल पर हल्का सा चुंबन देकर दरवाज़े से बाहर चली गई।

   अपार्टमेंट से बाहर आते ही जिस का डर था वही हुवा।उसका सामना पार्किंग में सुनील से हो गया।शर्मिला को देखते ही सुनीलने उसके कपड़ों और मेकअप से पहचान लिया कि यह उर्मिला नहीं बल्कि शर्मिला है।शर्मिला को यहाँ देखकर सुनील को आग बबूला हो गया।

"तुम।"

लेकिन शर्मिला ने उसके गुस्से को नज़रअंदाज़ कर दिया और मुस्कुराते हुए अपने दोनों हाथों से अपने कानों को पकड़कर बोली।

"गुड इवनिंग जीजू।प्लीज मुझे माफ़ करदो।"

लेकिन सुनील पर इसका कोई असर नहीं हुआ।

वह गुस्से से दहाड़ा।

"तुम्हारी सोरी और तुम्हारी गुड इवनिंग तुम्हारे पास ही रहने दो।तुम्हारी यहाँ आने की हिम्मत कैसे हुई।"

सुनील के गुस्से का जवाब देते हुए शर्मिला ने शांति से जवाब दिया।

"मुझे अपनी गलती का एहसास हो गया है जीजू।इसके लिए मैंने उर्मि से माफ़ी मांग ली है और उससे सुलह कर ली है।अब तुम भी बीती बातें भूलकर मुझे माफ़ कर दो।"

"नहीं,बिल्कुल नहीं।तुमने जो किया था वह कोई गलती नहीं थी बल्कि एक अपराध था और उसके लिए माफ़ी की कोई गुंजाइश नहीं है समझी?"

सुनीलने कड़वाहट से कहा।
सुनील के मुंह से जोर से निकली आवाज़ से लोग वहां जमा होने लगे।बिन पैसे का तमाशा देखने अपार्टमेंट के लोग तमाशा देखने धीरे धीरे जमा हो रहे थे।सुनील के कठोर शब्दों के जवाब में शर्मिला ने ठंडेपन से कंधे उचकाते हुए कहा।

"तो जैसी तुम्हारी मर्ज़ी।लेकिन तुम मुझे मेरी बहन से मिलने से नहीं रोक सकते।"

"याद रखना।अगर मैंने तुम्हें अगली बार अपने घर में तो क्या मैंने तुम्हें इस अपार्टमेंट के आसपास भी देखा ना तो..."

शर्मिला जो आज तक किसी से नहीं डरी थी। हमेशा अपनी मर्ज़ी से जीने वाली शर्मिला, सुनील की धमकी सुनकर भड़क उठी।उसने सुनील की धमकी का जवाब चुनौती देते हुए कहा।

"तो?तो तुम क्या कर लोगे?"

"मैं तुम्हें जान से मार डालूँगा।"

सुनील ने दाँत पीसते हुए अपनी धमकी फिरसे दोहराई।

"जा।जा बहुत देखें तेरे जैसे जान से मारने वाले।"

शर्मिला भी अब गुस्से से बेकाबू होकर तु तडाक पर आ गई।और ये सब कहने के बाद, उसे लगा कि मामला सुधरने की बजाय ज्यादा बिगड़ता जा रहा है।और जितनी देर वो यहाँ खड़ी रहेगी,ये तू-तू, मैं-मैं चलती ही रहेगी। इसलिए उसने अपनी कार का दरवाज़ा खोला और उसमें बैठ गई।लेकिन सुनील अभी भी गुस्से से काँप रहा था।

"जाने से पहले,कान खोलकर सुन लेना।अगर मैंने तुम्हें यहाँ फिर से देखा तो मैं तुम्हें सचमुच खत्म कर दूँगा।याद रखना।"

       लेकिन शर्मिला सुनील की धमकी सुनने के लिए वहाँ खड़ी नहीं थी।वो जा चुकी थी। और गुस्से से भरा सुनील मुट्ठियाँ भींचे अपने फ्लैट की ओर मुड़ा।जैसे ही तमाशा खत्म हुआ झगड़ा देखने के लिए वहाँ जमा हुई भीड़ भी तितर-बितर हो गई।

     फ्लैट में घुसते ही सुनील ने अपना गुस्सा उर्मिला पर उंडेल दिया।

"मैंने कल तुमसे कहा था,उर्मि,कि मैं उस कलमुही लड़की से कोई रिश्ता नहीं रखना चाहता।"

सुनील की उश्केराहट देखकर उर्मिला को एहसास हुआ कि शायद उसका शर्मिला से झगड़ा हो गया है।सुनील को जवाब देने के बजाय,उसने चुप रहना ही उचित समझा। उर्मिला की इस तरह की बेरुखी देखकर सुनील ने अपना सवाल फिर से दोहराया।

   "मैंने तुमसे कुछ पूछा है उर्मिला?"

   अब उर्मिला ने अपनी चुप्पी तोड़ी।

   "मैंने कल भी तुमसे कहा था कि अगर तुम शर्मिला से रिश्ता नहीं रखना चाहते,तो मत रखना।लेकिन वो मेरा खून है,सुनील।"

   "और तुम्हारे उस खून ने तुम्हारे ही पीठ पर कैसा वार किया था क्या तुम सब कुछ भूल गए?"

   सुनीलने जो बात कल कही थी वहीं बात आज फिर से दोहराई।तो उर्मिला ने भी कल दिए गए जवाब का ही सहारा लिया।

"उस घटना को तीन साल हो गए हैं।और उसने अपनी गलती के लिए माफ़ी भी माँग ली हे।तो अब सब खत्म हो गया ठीक है।प्लीज़ तुम मुझे उससे मिलने से मत रोको।"

   सुनील का गुस्सा रुकने का नाम नहीं ले रहा था।उसने उर्मिला को साफ़ शब्दों में कह दिया।

"अगर तुम सच में उससे मिलना चाहती हो, तो बाहर जाकर उससे मिल लेना लेकिन वो इस घर में दोबारा पांव नहीं रखेगी ठीक हे।"

(क्या सुनील शर्मिला को कभी माफ़ नहीं कर पाएगा?इस नफ़रत भरे रिश्ते का क्या अंजाम होगा?)