2 Din Chandani, 100 Din Kaali Raat by बैरागी दिलीप दास

2 दिन चांदनी, 100 दिन काली रात by बैरागी दिलीप दास in Hindi Novels
“2 दिन चांदनी, 100 दिन काली रात”Chapter 1: रात जो गुदगुदाती थी"कभी हँसी डराती है, कभी डर भी हँसा देता है। लेकिन जब प्यार...