2 Din Chandani, 100 Din Kaali Raat - 3 in Hindi Horror Stories by बैरागी दिलीप दास books and stories PDF | 2 दिन चांदनी, 100 दिन काली रात - 3

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2 दिन चांदनी, 100 दिन काली रात - 3

📖 Chapter 3: कॉफी कप में चेहरा


> “उसने कॉफी मंगवाई थी, लेकिन कप में झाग नहीं… कोई चेहरा तैर रहा था। और वो चेहरा... मेरा था।”


🕒 Scene: अगली दोपहर – कॉलेज कैंटीन


शेखर गुमसुम बैठा था।

रात की बातें दिमाग से हट नहीं रही थीं।

फोन अब भी चुप था, लेकिन उसका दिल… तूफ़ान से भी ज़्यादा शोर कर रहा था।


"एक कप स्ट्रॉन्ग कॉफी!"

उसने वेटर को कहा।


देवा पास बैठा हँस रहा था –

"भाई, तू रो रहा है या कॉफी के लिए इबादत कर रहा है?"


"तेरी भाभी ने रात को रूह तक हिला दी थी…"


"भाभी कौन? पुरानी वाली या परछाई वाली?"


शेखर ने कुछ नहीं कहा।

उसका ध्यान कॉफी कप पर था —

जिसमें झाग धीरे-धीरे बन रही थी।

और तभी…


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😨 कॉफी में चेहरा!


कॉफी की सतह पर एक अजीब सा आकार बन गया था — दो आंखें, एक नाक, और होंठ... जो मुस्करा रहे थे।


शेखर ने कप को घूरा —

चेहरा… उसका अपना था।


और वो मुस्कान, वैसी ही जैसे चांदनी किया करती थी।


"देवा..."

"क्या?"

"कॉफी में कुछ है… देख!"


देवा ने कप देखा और बोला —

"बिलकुल... तू भी दीवाना है और अब कप भी। Next level love story है भाई।"


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💀 Flashback – पहली कॉफी


7 महीने पहले, पहली बार चांदनी ने शेखर के लिए कॉफी बनाई थी।


"कॉफी strong हो या प्यार?"

चांदनी ने पूछा।


"तू दोनों में किक दे रही है।"


जब उसने कप उठाया, तो देखा — कप के नीचे चांदनी ने लिखा था:


"इसमें सिर्फ कॉफी नहीं... थोड़ी मैं भी हूँ।"


शेखर को तब यह सिर्फ रोमांटिक लाइन लगी थी।

लेकिन अब वो समझ रहा था… शायद वाकई उसमें कुछ था।


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📲 Back to Present – कप के अंदर मिरर इफेक्ट


शेखर ने फोन निकालकर कप की फोटो खींचनी चाही, लेकिन जैसे ही कैमरा ऑन किया —

कप में किसी और का चेहरा दिखा।


चांदनी।


उसकी आँखें बंद थीं, लेकिन होंठ हिल रहे थे।


कैमरे की स्क्रीन पर लिखा आया —

"See me tonight."

और फिर स्क्रीन ब्लैक हो गई।


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😂 Funny Reaction


देवा: "क्या हुआ अब?"


शेखर: "फोन हैंग हो गया।"


देवा: "क्यों? भाभी heavy file में आ गई क्या?"


शेखर: "देवा… अगर तुझे कल मैंने जिंदा देखा, तो समझ जाना कि तेरी किस्मत ज़्यादा strong है।"


देवा: "और अगर तू कल नहीं दिखा, तो समझ जाऊँगा भाभी तुझे ले गई… honeymoon के लिए!"



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🔍 Investigation Begins – बाबा नर्मल की Entry


शेखर उस दिन शाम को सीधा पहुंचा बाबा नर्मल के पास।

(गली नंबर 13, पुरानी हवेली में बैठने वाले अर्ध-पगले तांत्रिक)


"बाबा, कुछ है… कोई आत्मा मुझे कॉल कर रही है।"


बाबा – "कॉल? WhatsApp पे या Normal?"


"दोनों!"


बाबा – "तो ये आत्मा सिर्फ मरी नहीं है… वो तेरे नेटवर्क में ही समा गई है।"


"क्या मतलब?"


बाबा – "मतलब अब वो डिजिटल आत्मा बन गई है — Techno-Chudail।"


शेखर: "क्या इसका इलाज है?"


बाबा: "हां। लेकिन उससे पहले… तू ये बता — तूने उसे वादा किया था ‘मरने के बाद भी प्यार करूंगा’?"


"हां… किया था।"


बाबा: "तो फिर भुगत बेटा! ये Unlimited Lifetime Package है।"


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❤️‍🔥 Love Memory – Bathroom Scene


एक बार शेखर नहाते वक्त कॉल पर था —

चांदनी बोली:


"तू नहा रहा है न?"


"हां, क्यों?"


"तो आँखें बंद कर।"


शेखर ने किया।


"अब सोच… मैं तेरे साथ खड़ी हूं… नहाने में तेरी पीठ धो रही हूं।"


शेखर हँसने लगा —

"तू तो बंद कमरे में भी fire है!"


लेकिन तभी…

शॉवर बंद हो गया अपने-आप।

और दीवार पर लिखा था —

“I’m already here.”


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📜 Chapter Climax – वो कप


शेखर उस कॉफी कप को अपने साथ ले गया —

घर लाकर उसने उसे धोया। लेकिन जैसे ही पानी डाला…


कप के अंदर से एक आवाज़ आई:


> _"तू मुझे धो नहीं सकता शेखर…

क्योंकि मैं तुझमें समा चुकी हूं।


अब जब भी तू कुछ पिएगा —

मैं तुझे चखूंगी।"_ 😈




शेखर ने कप फेंका — लेकिन वो कप हवा में घूमकर फिर टेबल पर वापस आ गया।


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🔚 अंतिम लाइन (Chapter End):


> "कॉफी में अगर झाग हो तो अच्छा लगता है…

लेकिन जब उसमें चेहरा दिखे —

तो समझ लेना, कोई तुझे पीना चाहता है।"