Khamosh jindagi ke bolate jajbat - 13 in Hindi Love Stories by Babul haq ansari books and stories PDF | खामोश ज़िंदगी के बोलते जज़्बात - 13

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खामोश ज़िंदगी के बोलते जज़्बात - 13


                             भग:13
                   
                   रचना:बाबुल हक़ अंसारी
         
          "सत्ता का चेहरा और अनया की जंग"





पिछले भाग से…

   अनया ने पांडुलिपि को हाथों में उठाया और मंच से पुकारा —
"ये सिर्फ़ मेरे पापा की कलम नहीं है, ये हर उस इंसान की आवाज़ है जिसे झूठ और अन्याय ने दबा दिया।
मैं इस पांडुलिपि को पूरा करूँगी… और इसे दुनिया के सामने लाऊँगी।"



सत्ता की साज़िश

अनया की आवाज़ पूरे शहर में गूँज चुकी थी।
लेकिन इसी गूंज से डरकर कई बड़े चेहरों की नींद उड़ गई।

मंत्री कैलाश पांडे ने अपने सचिव से कहा —
"ये लड़की अगर उस पांडुलिपि को छाप देगी, तो हमारी नींव हिल जाएगी।
लोगों को मालूम हो जाएगा कि कैसे हमने चुनाव खरीदे, और त्रिपाठी को गिराया।"

सचिव ने धीमी आवाज़ में पूछा —
"तो… आदेश?"

मंत्री ने सिगार जलाते हुए कहा —
"आदेश वही है — सच कभी छपना नहीं चाहिए।
अनया को रोकना ही होगा… चाहे जैसे भी।"



अनया की पहली ठोकर

अनया अगले ही दिन प्रकाशकों के पास गई।
उसने पांडुलिपि मेज पर रखकर कहा —
"ये मेरे पापा की आख़िरी रचना है। मैं इसे पूरा करना चाहती हूँ और प्रकाशित कराना चाहती हूँ।"

प्रकाशक ने काग़ज़ पलटे, फिर गहरी साँस ली।
"बेटी, ये किताब आग है।
अगर इसे छापा, तो न सिर्फ़ मेरा कारोबार जलेगा, बल्कि तुम्हें भी निशाना बनाया जाएगा।
माफ़ करना… मैं ये जोखिम नहीं ले सकता।"

अनया का चेहरा फीका पड़ गया।
लेकिन उसकी आँखों में हार नहीं, जिद जल रही थी।




आर्या और नीरव का इम्तिहान

आर्या ने चुपचाप अनया को देखा और नीरव से कहा  


"क्या तुम देख रहे हो?
ये वही जंग है, जिसमें हमारे अपने रिश्ते भी उलझ जाएंगे।
अगर हम उसके साथ खड़े हुए, तो दुश्मन सिर्फ़ उसका नहीं, हमारा भी बन जाएगा।"

नीरव ने ठंडी साँस छोड़ी।
"हाँ आर्या… लेकिन अगर पीछे हटे, तो ज़िंदगी भर शर्मिंदा रहेंगे।
ये अब सिर्फ़ अनया की नहीं, हमारी भी लड़ाई है।"

आर्या ने नीरव की ओर देखा।
उसकी आँखें कह रही थीं —
“अगर तुम डगमगाए, तो मैं टूट जाऊँगी।”



अनया का नया संकल्प

रात को अनया ने पांडुलिपि अपनी गोद में रखी।
उसने पिता की तस्वीर के सामने प्रण लिया —

"पापा, अगर कोई भी इसे छापने को तैयार नहीं,
तो मैं खुद इसे लिखूँगी, खुद इसे बाँटूँगी, और हर गली-हर मोहल्ले तक पहुँचाऊँगी।
अब ये सिर्फ़ किताब नहीं होगी, ये क्रांति की मशाल होगी।"

उसकी आवाज़ काँप रही थी, पर इरादा चट्टान था।




हमला, ऐलान और रिश्तों की कसौटी"



सत्ता की पहली चाल

रात गहरी हो चुकी थी।
अनया अपने कमरे में पांडुलिपि सँभालकर लिख रही थी।
अचानक बाहर मोटरसाइकिलों की आवाज़ गूँजी।
खिड़की से देखा—काले नकाब पहने कुछ लोग उसके घर के दरवाज़े के पास खड़े थे।

एक ने ज़ोर से धमकी दी —
"अनया! अगर अपनी जान प्यारी है तो ये पन्ने आग में झोंक दो।
ये सच अगर बाहर निकला, तो कल का सूरज तुम्हें ज़िंदा नहीं देखेगा।"

अनया काँपी, लेकिन दरवाज़ा नहीं खोला।
उसने पन्नों को अपनी छाती से चिपकाकर फुसफुसाया 


"मेरे पापा भी नहीं डरे थे… मैं भी नहीं डरूँगी।"


गुरु शंकरनंद का खुला ऐलान

अगली सुबह गुरुजी प्रेस क्लब पहुँचे।
सैकड़ों पत्रकार सामने थे।
उन्होंने माइक उठाकर कहा —

"मैं वो शख़्स हूँ जिसने बरसों पहले सत्ता के इशारे पर रघुवीर त्रिपाठी की जीत छीन ली।
लेकिन आज मैं साफ़ कहता हूँ — असली गुनहगार सत्ता है, और गुनाहगार मैं हूँ।
अगर मुझे इसके लिए जेल भी जाना पड़े, तो तैयार हूँ।
लेकिन ये पांडुलिपि अब हर हाल में छपेगी।
अनया अकेली नहीं है… मैं उसके साथ हूँ।"

पूरा हॉल तालियों से गूँज उठा।
लेकिन कुछ चेहरों पर डर साफ़ झलक रहा था।


आर्या और नीरव का टकराव

उधर, आर्या और नीरव के बीच तनाव बढ़ रहा था।
आर्या ने कहा —
"नीरव, अगर हम इस लड़ाई में कूदे, तो तुम्हारा करियर बर्बाद हो जाएगा।
तुम्हारी पहचान, तुम्हारी शोहरत—सब छिन जाएगा।"

नीरव ने उसकी आँखों में देखा —
"तो क्या करियर सच से बड़ा है?
आर्या, अगर तुम चाहो तो पीछे हट सकती हो… लेकिन मैं अब रुक नहीं सकता।"

आर्या का दिल टूट गया।
उसकी आँखों में आँसू भर आए।
"अगर तुमने मुझे छोड़ा, तो मैं किसके सहारे जियूँगी?"

नीरव ने उसका हाथ थामते हुए कहा —
"मैं तुम्हें नहीं छोड़ रहा, मैं तुम्हें अपने साथ खड़ा कर रहा हूँ।
पर रास्ता आसान नहीं होगा।"

आर्या चुप रही।
उसके मन में मोहब्बत और डर की जंग छिड़ी हुई थी।



अनया का अडिग इरादा

अनया ने उसी रात आर्या और नीरव से कहा —
"तुम दोनों मेरे साथ हो या नहीं, ये तुम्हारा फ़ैसला है।
लेकिन मैं पीछे नहीं हटूँगी।
मेरे पापा की कलम को आग में नहीं, लोगों के हाथों में जलना है।"

उसकी आँखों की चमक ने दोनों को चुप कर दिया।


(जारी रहेगा… भाग 14में)



अगले खंड में आएगा:

नकाबपोश गुंडों का अगला बड़ा वार।

अनया की पांडुलिपि पर कब्ज़े की कोशिश।

और आर्या का वो फ़ैसला… जो नीरव को अंदर तक हिला देगा।