Adakaar - 24 in Hindi Crime Stories by Amir Ali Daredia books and stories PDF | अदाकारा - 24

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अदाकारा - 24

*अदाकारा 24*

      मरोल में एक कमरे का घर ढूँढ़ने लेने के बाद,मुनमुन ने सुनील को संदेश भेजा।और जैसे ही सुनील को संदेश मिला,वह तुरंत पुणे से मरोल शिफ्ट हो गया।

   और एक अच्छा मूर्हत देखकर,सुनील और उर्मिला की शादी भी हो गई।

     उनके हनीमून के लिए,स्क्वायर गार्डन में उत्तम के ही तीन बेडरूम वाले फ्लैट के एक कमरे को सजाया गया था।

    जब छोटा सा रिसेप्शन खत्म हुआ तब रात के लगभग साढ़े बारह बज रहे थे।रिसेप्शन के बाद उर्मिला जो शाम पाँच बजे से लगातार चल रहे शादी के रिसेप्शन की थकान मिटाने के लिए सीधे अपनी माँ के बेडरूम में चली गईं।लेकिन वहाँ उनकी सहेलियों ने उन्हें घेर लिया।

   और आज मधुरजनी मे उसके साथ क्या क्या होगा ये सब उर्मिलाको बताना शुरू कर दिया और बदले मे उसे अपने पति के साथ क्या करना चाहिए ये समझाना शुरू कर दिया।

     सुनील भी दो घंटे चली शादी की रस्मों और तीन घंटे के रिसेप्शन से थककर हनीमून के लिए सजाए गए अपने बेडरूम की ओर चल पडा।

     मनोमन वह रोमांचित हो रहा था।पिछले डेढ़ साल से वह और उर्मिला एक-दूसरे के प्यार में पागल थे,लेकिन उर्मिला ने उसे अब तक एक बार भी चूमने तक का मौका नहीं दिया था।आज वह उसके होंठों के रस को जी भर के पी लेने के मूड में था जिसको पीने के लिए वह डेढ़ साल से प्यासा था।

     जैसे ही वह बेडरूम के करीब पहुंचा मानो जैसे उसका इंतज़ार कर रही हो इस तरह शर्मिला को उसने बेडरूम के दरवाज़े पर पाया।

   "वेलकम जिज्जू।"

सुनील ने बेडरूम में सजे हुए पलंग पर नज़र डाली तो उसने उर्मिला को वहाँ न देखकर सवालिया निगाहों से शर्मिला की ओर देखा।

शर्मिला शरारती मुस्कान के साथ बोली।

"जिस घडी का आप डेढ़ साल से इंतज़ार कर रहे हैं ना जीजाजी।उसके लिए अभी थोड़ा और इंतज़ार कीजिए।उर्मि पाँच घंटे से पहने हुए दुल्हन के लिबास से थक गई है।इसलिए, वह मम्मी के बेडरूम में कपड़े बदलकर अभी आ जाएगी।तब तक सुहागरात वाली रात में क्या क्या करना है और कैसे कैसे करना है इसके बारे में सपने देखते रहिए।"

ऐसा कहकर शर्मिला चली गई।

और शर्मिला की बाते सुनकर सुनील सोच में डूब गया।उसने तो सुना था कि सुहागरात वाली रात में दुल्हन घूँघट खींचकर बिस्तर पर बैठी होती है।ओर सब से पहले दूल्हा दुल्हन का घूँघट हटाता है और फिर अपने हाथों से दुल्हन के कपड़े एक-एक करके उतारता है। और अगर उर्मि कपड़े बदलकर आ गई तो क्या होगा?कपड़े तो ठीक हैं लेकिन वह अगर बिना घूंघट के होगी तो में उसका घूँघट कैसे हटाऊंगा?अगर उसने घूँघट ही नहीं डाला होगा तो?

वह अभी बिस्तर पर अपनी पीठ टिकाए अपनी आँखों को बंद किए खयालों में खोया हुआ था,तभी उसे बेडरूम का दरवाज़ा धीरे-धीरे बंद होने की आवाज़ सुनाई दी।

जब उसने आँखें खोलीं,तो उसका दिल ज़ोर-ज़ोर से धड़कने लगा।गुलाबी गाउन पहने,चेहरे पर एक मनमोहक मुस्कान लिए उर्मिला धीरे-धीरे उसकी ओर आ रही थी।

उर्मिला को इस वक्त सिर्फ़ गाउन में देखकर सुनील जैसे संमोहित हो गया।वो उर्मिला को एक पलक देखता रहा।सिर्फ गाउन पहनी उर्मिला को देखकर सुनील को तसल्ली हुई कि देखो कितनी मेहनत और समय की बचत हुई उर्मिला की माँ ने उसे शादी के लिए इतने सारे गहने पहनाए थे।और ऊपर से वो भारी भारखम दुल्हन का जोड़ा।जब तक वो सब उर्मिला के बदन से उतारता तब तक तो शायद सुबह हो जाती।

उर्मिला के उसके करीब आते ही डेढ़ साल से बांध के रखा हुआ सुनील का संयम अब टूटता हुआ लगा।उसने पूरी ताकत से उर्मिला को अपनी ओर खींचा और उसे अपनी बाहों में भर लिया।

पूरी ताकत से सुनीलने उर्मिला को सीने से लगा लिया।और उर्मिला भी सुनील की बाहों में आग में पिघलते मोम की तरह पिघलने लगी। उसने अपनी दोनों नाज़ुक हथेलियों से सुनील की पीठ सहलानी शुरू कर दी।सुनील की रगों में लहू गर्म तरल पदार्थ की तरह बहने लगा। उसने अपने होंठों से उर्मिला के होंठों को चूमना और चूसना शुरू कर दिया।उर्मिला ने कामुक स्वर में सुनील की कमर से बंधी बेल्ट खोलते हुए कहा।

   "सुनील मेरी मेरे पूरे शरीर में आग सी लगी है।अब और नहीं सहा जाता।जल्दी करो।मेरे जलते हुए शरीर को शांत करदो।"

उर्मिला की कामुक आवाज़ ने सुनील के शरीर में धधकती वासना की आग में घी डालने का काम किया।उसने जल्दी से अपना कोट,पैंट और कमीज़ उतारकर एक तरफ फेंक दिया। और एक बार फिर वह उर्मिला के अधरों को चूमने लगा।उसने उर्मिला के पहने हुए गाउन की चेन खींची... 
और उसी पल बेडरूम के दरवाजे पर दस्तक हुई।

(शुरु हो चुकी मस्ती भरी सुनील और उर्मिला की सुहागरात में कौन खलल डालने आया होगा?अगले एपिसोड में पढ़ें)