#Kavyostav

खा़मोश से चेहरे देखे होंगे तुम ने कई
जुन्ज रहे होंगे खा़मोशी से किसी
अपने ही दर्द भरे तन्हाई में कई |
यूं तो चेहरे पर एक हलकीसी मुस्कान थी,
जो आंखो तक आयी ही नहीं |
दर्द के बादल गऱज रहे थे दिल में,
लेकिन आंखों से बरसात हुई नहीं ||


- Robin rajput

Hindi Shayri by Robin Rajput : 111034913

The best sellers write on Matrubharti, do you?

Start Writing Now