जीवन... जिसमे हज़ारो ख्वाहिसे... ना पुरी होने कि फ़रियादे... कभी लगे के क्या सपने देखना गलत है... दिल भारी सा हो जाये... कभी कही कोइ मिल जाय... जो आज मे जिना भी सिखा जाए... सपने देखना गलत नही बस उसका सोग मनाना फ़िज़ुल है! फ़िर्क को धुए में उड़ाओ ओर चिल मारो... यारो...