किसी के बुरे भले कहने से आपका कुछ नहीं होता
दुसरो की बातो पर ध्यान मत दो बुराई तुम्हारे अंदर नहीं मगर बुराई देखने वाले की दृष्टिकोण में है
आप अपने आप को देखो और खुद के बारे में सोचो किसी के बुरे कहने से बुरे नहीं होते और अच्छे कहने से कोई अच्छा नहीं हो जाता अच्छाइ और बुराई खुद के कर्मो पर निर्भर करती है इस लिए अच्छे कर्म करे और सकारात्मक सोचे दुनिया की बातों में ना उलझे दुनिया का काम है दुसरो की कमीयों निकाल ना अपना कार्य करे
Anil Mistri