तालियां
शायर बनने की दास्तां कुछ यूं थी मेरी ,
मेरा भी दिल टूटा था उन मोहब्बत की गलियों मे ।
आंसुओ को शब्दों में पिरोकर बया किया मैंने हाले -ए दिल ,
कमबख्त सबने खुश होकर बजाई तालियां ।
आई थी वो भी सुनने मेरे दिल का हालिया ,
होठो पर जूठी मुस्कान लेकर बया किया हाले -ए दिल ,
कमबख्त सबसे पहले उठकर उसने ही बजाई तालियां ।
-Aryan suvada