कुछ अरसे में
बदल जाता हैं
बहुत कुछ
इर्दगिर्द
प्रकृति भी तो
बदल लेती स्वरुप
तुम भी बदल गयी
तो क्या
मुझे अंदेशा तो था
बदलते मौसम का
पर करवट
इतनी जल्दी बदलेगा
हैरान हूँ
चलो अच्छा हुआ
अब धूल भी
उतनी जल्दी छंटेगी
मेरे अंतर्मन की
#निविया

Hindi Thought by Neelima Sharma : 111428163
shekhar kharadi Idriya 4 years ago

अत्यंत सुंदर सृजन...

The best sellers write on Matrubharti, do you?

Start Writing Now