माटी माटी में मिली!
बुद्धि का विचारधारा और किसी सियासी दल से बड़ा प्यारा संबंध है। किसी दल या विचारधारा की ये नौ ऊर्ध्वगामी सीढ़ियां हैं-
1. जानना
2. चाहना
3. समर्थन
4.सहयोग
5. सदस्यता
6. प्रचार
7. जुनून
8. मर मिटने की तमन्ना
9. विरोधियों पर अंधाधुन लाठी भंजन!
आप जब इन नौ सोपानों की यात्रा पर निकलते हैं तो आपके सिर पर "बुद्धिजीविता" एक रेत से भरी गठरी के रूप में रखी रहती है। आप जैसे- जैसे आगे ऊंचे सोपान पर बढ़ते हैं, बुद्धि की इस गठरी से रेत लगातार झरती रहती है।
हमारे कई बुद्धिजीवी तो अब इस सोपान के शिखर पर हैं। उनकी गठरी अब केवल सिर पर बंधे कपड़े के एक फेंटे की तरह ही रह गई है।
रेत तो रेत में जा मिली।