#_की दुनिया बुरे सपनों से डर जाती है
#_और में बुरे वक़्त को अपना हुज़ूर मानता हूं
#_कल क्या होगा में कुछ नहीं जनता।
#_पर कल कुछ करना है ये ज़रूर जनता हूं

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Hindi Shayri by Mr.S.S.Patel : 111460338

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